Coronavirus: कोविड वैक्सीन लगवाने के बाद कितने दिन तक रहती है इम्यूनिटी? क्या दोनों डोज कर सकते नए वेरिएंट्स से बचाव?
Covid vaccine immunity duration:कोविड की दूसरी लहर के बाद अब तीसरी लहर का अलर्ट जारी कर दिया गया है। लेकिन आने वाले वेरिएंट बहुत घातक हैं तो क्या उनसे बचाव में वैक्सीन हमें सुरक्षा देगी। जानिए विस्तार से….
Covid vaccine immunity duration:कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए हमारे इम्यून सिस्टम का मजबूत होना जरूरी है। यही वजह है कि दुनिया भर की सरकारें अधिक से अधिक लोगों को वैक्सीन लगवाने पर जोर दे रही हैं। टीका लगवाने से न सिर्फ आपकी अपनी और परिवार की सुरक्षा होगी बल्कि इससे हर्ड इम्यूनिटी का लक्ष्य भी हासिल हो सकता है, जिससे कोविड के जोखिम को कम करने में मदद मिलेगी। हालांकि, कुछ लोग अब भी टीकाकरण कराने से कतराते नजर आ रहे हैं, लेकिन अब भी भारी संख्या में वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन हो रहा है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, अधिकांश वैक्सीन कोविड के खिलाफ काफी असरदार हैं। हालांकि, जैसा कि हम देख रहे हैं कोविड-19 के डेल्टा प्लस जैसे वेरिेएंट आने से वैक्सीन का एफिसेसी रेट कम असरदार बताया जा रहा है।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि हमारी इम्युनिटी उतनी ही मजबूत है जितने कि हम हैं। लेकिन वैक्सीन के एफिसेसी रेट के कम होने के लेकर लोगों की शंकाए बढ़ रही हैं। ऐसे में क्या हमें कोविड से अतिरिक्त सुरक्षा के लिए बूस्टर शॉट्स की आवश्यकता होगी या फिर वैक्सीन को रिवाइस यानी संशोधित किया जाएगा?
वैक्सीन और वायरस की इम्यूनिटी में अंतर
कोविड से बचाव के लिए इम्यूनिटी दो तरीके से बनाई जा सकती है। एक तो संक्रमण की चपेट में आने से (जिससे जान भी जोखिम में जा सकती है) और दूसरा है- वैक्सीन का डोज लेकर। दोनों ही तरह से हमारे शरीर को समान इम्यूनिटी मिलती है। हालांकि, संक्रमित होने बाद मिलने वाली लॉन्ग लास्टिंग होती है जबकि वैक्सीन ड्राइवन इम्यूनिटी अलग-अलग स्तरों पर हमारे लिए सुरक्षा प्रदान करती है।
लेकिन हर्ड इम्यूनिटी का लक्ष्य हासिल करने के लिए हम सभी का वैक्सीनेट होना जरूरी है। फिलहाल जो भी वैक्सीन उपलब्ध हैं, वे निश्चित रूप से शरीर को अतिरिक्त फायदा पहुंचाती है, लेकिन इसकी कोई परिभाषा नहीं है कि टीके से मिलने वाली इम्यूनिटी कितना लंबा चलेगी। क्योंकि अलग-अलग टीके अपने-अपने तरीके से काम करते हैं। इसलिए, विभिन्न स्तरों की सुरक्षा और स्थायी प्रतिरक्षा प्रदान कर सकते हैं।
क्या वैक्सीन म्यूटिड वायरस का सामना कर सकती है?
इस समय कोई भी वैक्सीन 100% प्रभावकारिता दर की गारंटी नहीं देती है, यह देखा गया है कि कुछ टीके दूसरों की तुलना में अधिक प्रभावी हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, mRNA टीके, या मैसेंजर RNA तकनीक से निर्मित वैक्सीन अन्य टीकों की तुलना में ज्यादा सुरक्षा देती है। साइंस मैग्जीन नेचर में प्रकाशित एमआरएनए टीके प्राप्त करने वाले लोगों पर हाल ही में किए गए एक छोटे पैमाने पर एक शोध हुआ है। स्टडी में पता चला है कि फाइजर और मॉडर्न जैसी वैक्सीन में अच्छी इम्यूनिटी माउंट करने की क्षमता है। हालांकि, अभी इस बारे में अधिक शोध की आवश्यकता है।
इसके अलावा, अध्ययन के जरिए ये भी पता चला है कि दोनों एमआरएनए वैक्सीन की दोनों डोज लेने वाले लोगों को कोविड के खिलाफ अच्छी सुरक्षा मिली है। इन लोगों का 13 सप्ताह तक कोविड टेस्ट कराया गया जिसमें वे निगेटिव ही आए। इससे साफ जाहिर है कि वैक्सीन के दोनों डोज से मिलने वाली इम्यूनिटी लंबे समय तक चलने वाली है।
क्या हमें बूस्टर डोज की जरूरत है?
शोध में कई टीके कोविड वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी सिद्ध हुए हैं। हालांकि, वैज्ञानिक अधिक सुरक्षा के लिए टीकों के बूस्टर खुराक प्रदान करने की संभावना पर काम कर रहे है।
हाल ही में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के एक समूह द्वारा किए गए एक अध्ययन में पता चला है कि कोविशील्ड वैक्सीन की बूस्टर डोज पहली खुराक के 10 माह बाद देने से इम्यून सिस्टम जबरदस्त तरीके से रिस्पॉन्स देता है। वहीं, नए क्लीनिकल ऑब्जर्बेशन के जरिए पता चला है कि तीसरा बूस्टर डोज वैक्सीन की इम्यूनिटी और इसकी Efficiency Rate को और बढ़ा देता है, साथ ही हमें कोविड के खिलाफ ज्यादा सुरक्षा देती है।