स्वतंत्र भारत को गढ़ने में डॉ. मुखर्जी का अप्रतिम योगदान : कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल
वर्धा. प्रख्यात शिक्षाविद डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 120वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित तरंगाधारित राष्ट्रीय संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने कहा कि भारत की एकता और अखंडता को स्थापित करने तथा स्वतंत्र भारत को गढ़ने में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का अप्रतिम योगदान रहा है. वे कटु यथार्थ को प्रकट करने वाले राजनेता थे.
विश्वविद्यालय में मंगलवार को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर ‘सांस्कृतिक चेतना तथा राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता की प्रतिमूर्ति डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. अपने बीज वक्तव्य और अध्यक्षीय उदबोधन में कुलपति प्रो. शुक्ल ने ऐतिहासिक और राजनैतिक संदर्भो की व्याख्या करते हुए कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने दो विधान की अवधारणा के विरोध में जनजागरण और संघर्ष कर अपना बलिदान दिया. आज की बिकट परिस्थिति में उन्हें याद करना प्रासंगिक और महत्वपूर्ण है. प्रो. शुक्ल ने धारा 370 का प्रावधान समाप्त करना और भारत के विभाजन को लेकर डॉ. मुखर्जी के विचारों पर सारगर्भित मंतव्य प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में डॉ. मुखर्जी के शिक्षा संबंधी विचारों पर विशेष ध्यान दिया गया है।
कार्यक्रम में विशिष्ट वक्तव्य देते हुए मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान विद्यापीठ के अधिष्ठाता प्रो. कृपा शंकर चौबे ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी भारतीय भाषाओं के पक्षधर थे और उन्होंने भारतीय भाषाओं को न्याय दिलाने का काम किया. प्रो. चौबे ने धारा 370 को हटाने को लेकर डॉ. मुखर्जी के सपनों की दृष्टि पर विस्तार से प्रकाश डाला.
राष्ट्रीय संगोष्ठी का स्वागत वक्तव्य शिक्षा विभाग के अध्यक्ष प्रो. गोपाल कृष्ण ठाकुर ने दिया. उन्होंने कहा कि डॉ. मुखर्जी को याद करते समय शिक्षा के द्वारा मानवीय मूल्यों, सांस्कृतिक चेतना एवं राष्ट्रीय एकता व अखंडता की भावना के विकास के लक्ष्य को अपनाकर कार्य करना वर्तमान समय की आवश्यकता है। कार्यक्रम का संचालन शिक्षा विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. शिल्पी कुमारी ने किया एवं तकनीकी समन्वय शिक्षा विभाग के सहायक प्रोफ़ेसर श्री अनिकेत आंबेकर ने किया तथा शिक्षा विद्यापीठ के अधिष्ठाता प्रो. मनोज कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया. कार्यक्रम में प्रतिकुलपति द्वय प्रो. हनुमानप्रसाद शुक्ल और प्रो. चंद्रकांत रागीट सहित अध्यापक, शोधार्थी तथा विद्यार्थी उपस्थित रहे.
कार्यक्रम के प्रारंभ में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विद्या भवन में कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल द्वारा डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित कर अभिवादन किया गया. इस अवसर पर प्रतिकुलपति प्रो. चंद्रकांत रागीट, शिक्षा विद्यापीठ के अधिष्ठाता प्रो. मनोज कुमार, मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान विद्यापीठ के अधिष्ठाता प्रो. कृपा शंकर चौबे, शिक्षा विभाग के अध्यक्ष प्रो. गोपाल कृष्ण ठाकुर सहित प्रो. चतुर्भुज नाथ तिवारी, डॉ. के. बालराजु आदि ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर पुष्पार्पण कर अभिवादन किया.