जनपद सदस्यों की ग़ैर मौजूदगी में हुई समीक्षा बैठक बना चर्चा का विषय
रायपुर. मंत्री एवं क्षेत्रीय विधायक शिवकुमार डहरिया बिना जनप्रतिनिधि के बैठक लिये। अरसे बाद जनपद पंचायत आरंग में जनपद सदस्यों ने सामूहिक रूप से मंत्री द्वारा लिए जाने वाली समीक्षा बैठक में उपस्थित ना होकर राजनीति सरगर्मी बड़ा दी है। जो पूरे विधानसभा में चर्चा का विषय बना हुवा है। आज नगरीय प्रशासन मंत्री शिव कुमार डहरिया के उपस्थिति में जनपद के सभा गृह मे जनपद सदस्यों के साथ नगरीय प्रशासन मंत्री एवं क्षेत्रीय विधायक शिव कुमार डहरिया द्वारा समीक्षा बैठक लिया जाना था।
जिसमें जनपद सदस्यों ने बैठक से दूरी बनाकर हतप्रभ कर दिया। आरंग जनपद में कुल 25 सदस्यों कीं बाड़ी है। जिसमें 22 जनपद सदस्य बैठक से दूरी बना लिया। महज़ जनपद अध्यक्ष एवं दो सदस्य बैठक में भाग लिया बाक़ी की अनुपस्थित नजर आए, जो चर्चा का विषय बना हुआ है। चर्चा का विषय होना लाज़मी है क्योंकि क्षेत्रीय विधायक एवं स्वयं मंत्री बैठक में शामिल हुए। ऐसे में सदस्यों ने बैठक से दूरी बना लिया। क्षेत्र में चर्चा हो रही है की आख़िरकार जनपद सदस्य गण बैठक में सामूहिक रूप से उपस्थित क्यों नही हुए ? क्या नराजगी है ? क्या कारण है ? बैठक में सदस्य गण का उपस्थित न होने के कारण मीडिया ने पड़ताल किया, जिसमें गंभीर कारण सामने आया है। मीडिया से दबे ज़ुबान कुछ सदस्यों ने अपनी पीड़ा व्यक्त किया। कुछ बातें सामने आई स्वाभाविक है जनपद सदस्यों की टीम में विधानसभा फ़ाईट करने वाले, विधानसभा चुनाव का संचालक, पूर्व अध्यक्ष सहित कई दिग्गज नेता जनपद सदस्य निर्वाचित हुए है। जिसका क्षेत्र में ख़ासा प्रभाव है तथा एक प्रभाव शाली जनपद सदस्य पर बाक़ी अन्य सदस्यों को काफ़ी भरोसा होने से एक इशारे में लाम बंद होकर शक्ति पर्दशन कर दिया है।
एक प्रभावशाली नेता द्वारा सदस्यों के संविधानिक अधिकारों 15 वें वित्त गौण खनिज योजना मद में सदस्यों को शासन से मिलने वाली राशि पर काट छाँट एवं दखल अंदाजी किया जा रहा है। दबाव पूर्वक नीति अपनाकर हतोत्साहित करने से सभी सदस्य नाराज़ है। जनपद अध्यक्ष एवं पूर्व सीईओ के प्रति ख़ासी नाराजगी सामने आ रही है। ग्राम पंचायत एवं जनपद के मद केंद्र की योजना शासन से सीधे त्रि स्तरीय पंचायत को मिलने वाली राशि पर ग़लत तरीक़े से ब्रांडिंग किये जाने को लेकर नाराजगी है। निर्वाचित सदस्यों को उनके निर्वाचित क्षेत्र में खुले मंच से बदनाम किया जा रहा है। सदस्यों के हक़ मद की राशि को अपना बताकर बड़ा वाहवाही बटोरा जा रहा है। सदस्यों के अधिकारो के साथ डाका डाला जा रहा है। जिससे सदस्य सामूहिक रूप से समीक्षा बैठक से दूरी बनाई बहरहाल सदस्यों की ग़ैर मौजूदगी काफ़ी चर्चा का विषय बना रहा। मंत्री सदस्यों की ग़ैर मौजूदगी को गम्भीरता से ज़रूर लेंगे कई चर्चा है कि कई नेताओ की पेसी होगी अभी सरगर्मी आगे भी नज़र आएगी संभावना प्रतीत हो रही है। सदस्यों का ये मुहिम क्या सफल होंगे आगे समय बतायेगा।