WHO का दावा- वैक्सीन की डोज लेने वाले भी हो सकते हैं Delta का शिकार, दूसरों तक फैला सकते हैं COVID का प्रसार
WHO के अनुसार, जो लोग वैक्सीन की दोनों डोज भी लगवा चुके हैं, वे भी डेल्टा के संपर्क में आ सकते हैं और दूसरों को भी संक्रमित कर सकते हैं।
डेल्टा वेरिएंट पर कितने प्रभावी हैं COVID के टीके?
कोरोनावायरस के टीके मुख्य तौर पर पिछले साल संक्रमण फैलाने वाले COVID स्ट्रेन को लेकर बनाए गए थे जिसकी बदौलत दुनिया भर में तबाही मची हुई है। विशेषज्ञों के अनुसार, नए म्यूटेशन की मदद से डेल्टा वेरिएंट सहित नए उभरते वेरिएंट में वैक्सीन द्वारा बनने वाली एंटीबॉडी को पार करने की क्षमता है।
वैज्ञानिकों ने यह भी चिंता जताई है कि नए वेरिएंट में ऐसे गुण होते हैं जो अपना इम्यून सिस्टम के अटैक से भी बचाव कर सकते हैं। वैक्सीन पिछले वायरस से आपकी पूरी तरह से सुरक्षा करती है। हालांकि, रूस के डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) ने हाल ही में दावा किया है कि रूस की स्पूतनिक V (Sputnik-V) भारत में मिले डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant Coronavirus) के खिलाफ ज्यादा असरदार है।
क्या वैक्सीन लगवा चुके लोगों को भी है डेल्टा का खतरा?
इसके अतिरिक्त, हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान US नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज के निदेशक डॉ एंथोनी फौसी ने भी कहा, ‘ये संभव है कि एक फुली वैक्सीनेटेड व्यक्ति COVID का एसिम्टोमैटिक कैरियर हो सकता है और दूसरों को संक्रमित कर सकता है।’
किन्हें है सबसे ज्यादा खतरा?