किताबों से नहीं, जीवन के अनुभवों से जिंदगी पढ़ी है : सिंधुताई सपकाल

वर्धा. अनाथ बच्‍चों की मां (माई) के रूप में सुपरिचित पद्मश्री सिंधुताई सपकाल का आज (मंगलवार,  20 जुलाई) महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्‍ल द्वारा सत्‍कार किया गया। विश्‍वविद्यालय में सिंधुताई सपकाल के आगमन पर सिंधुताई ने विश्‍वविद्यालय के अध्‍यापकों, शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों से ऑनलाइन एवं ऑफलाइन संवाद भी किया। डॉ. श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी विद्या भवन के दत्‍तोपंत ठेंगड़ी सभागार में आयोजित संवाद कार्यक्रम में उन्‍होंने अपने जीवन संघर्ष को साझा किया। उन्‍होंने विश्‍वविद्यालय के अध्‍यापकों की ओर से पूछे गए सवालों पर खुलकर चर्चा की। माई के नाम से परिचित सिंधुताई सपकाल ने कहा कि विश्‍वविद्यालय में आकर मैं अपने मायके में आने का अनुभव कर रही हूं। मैं यहां आकर बहुत ही अभिभूत हुई हूं। उन्‍होंने कहा कि मैंने किताबों से नहीं बल्कि जीवन के अनुभव से जिंदगी पढ़ी है। उन्‍होंने अपने जीवन संघर्ष की यात्रा पर बात करते हुए कहा कि संघर्ष मनुष्‍य को समृद्ध बनाता है।

अपने अनुभवों को साझा करते हुए सिंधुताई ने क्षमा एवं प्रेम के महत्‍व को रेखांकित किया। उन्‍होंने जोर देकर कहा कि कष्‍ट मनुष्‍य को मांजता है। जब भूख से सामना होता है तो दूसरे की भूख का अंदाजा लगता है। उन्‍होंने सामाजिक संवेदना एवं निस्‍वार्थ भाव से सभी के प्रति प्रेम एवं करूणा को जीवन का मूल मंत्र बताया। इस अवसर पर सिंधुताई ने बहिनाबाई चौधरी के गीत का सस्‍वर गायन भी किया।

कार्यक्रम की अध्‍यक्षता करते हुए विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्‍ल ने भारतीय परंपरा में मातृत्‍व की महिमा एवं संत परंपरा की चर्चा की। उन्‍होंने सिंधुताई सपकाल के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि विश्‍वविद्यालय सामाजिक उत्‍तरदायित्‍व की दिशा में हमेशा अग्रसर रहा है। प्रो. शुक्‍ल ने सिंधुताई सपकाल को भरोसा दिलाया कि प्रतिवर्ष उनके द्वारा भेजे गए 5 विद्यार्थियों की पढ़ाई का पूरा खर्च विश्‍वविद्यालय उठाएगा। इस अवसर पर कुलपति प्रो. शुक्‍ल ने स्‍त्री अध्‍ययन विभाग द्वारा सिंधुताई पर किए गए लघु शोध प्रबंध की एक प्रति उन्‍हें भेंट की। कार्यक्रम का संचालन स्‍त्री अध्‍ययन विभाग की अध्‍यक्ष डॉ. सुप्रिया पाठक ने किया तथा धन्‍यवाद महात्‍मा गांधी फ्यूजी गुरुजी सामाजिक कार्य अध्‍ययन केंद्र के सहायक प्रोफेसर डॉ. शिव सिंह बघेल ने ज्ञापित किया। इस अवसर पर विश्‍वविद्यालय के प्रतिकुलपति द्वय, अधिष्‍ठातागण एवं विभिन्‍न विभागाध्‍यक्ष प्रत्‍यक्ष रूप से तथा अध्‍यापक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी बड़ी संख्‍या में ऑनलाइन माध्‍यम से जुड़े थे।

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