November 25, 2024

Johnson & johnson vaccine का सिंगल डोज इन लोगों के लिए हो सकता है खतरनाक, जानें नए टीके के Side Effects

जॉनसन एंड जॉनसन कोरोनावायरस की नई वैक्सीन है जिसका सिंगल डोज भी प्रभावी बताया जा रहा है। अगर आप इस वैक्सीन को लगवाने जा रहे हैं तो इसके साइड इफेक्ट्स के बारे में जान लीजिए।

जॉनसन एंड जॉनसन कोरोनावायरस की नई वैक्सीन है जिसे भारत में आपातकालीन मंजूरी मिल चुकी है। जानकार इसकी सिंगल डोज को घातक डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ कुछ एंटीबॉडी को बेअसर करने का दावा कर रहे हैं। जहां हर वैक्सीन की 2 खुराक से वायरस के प्रकोप से बचा जा सकता है तो वहीं जॉनसन एंड जॉनसन का एक इंजेक्शन ही कोविड के अटैक से आपकी सुरक्षा कर सकता है। चूंकि इस वैक्सीन को कम समय में विकसित किया गया है, इसलिए शक्तिशाली प्रभावकारिता डेटा (powerful efficacy data) और निष्कर्षों के बावजूद, वैक्सीन के उपयोग के साथ कुछ दुष्प्रभाव देखे गए हैं। आइए, जानते हैं इस वैक्सीन के बारे में विस्तार से…

जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन के दुर्लभ साइड इफेक्ट्स

दूसरी वैक्सीन की तरह इसे लगवाने वालों को भी इंजेक्ट की हुई जगह पर तेज दर्ज की शिकायतें आई हैं। हालांकि, वन शॉट वैक्सीन लगवाने वालों में कुछ असामान्य और ‘दुर्लभ’ साइड-इफेक्ट्स भी देखे गए हैं। कुछ देशों में 50 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं में वैक्सीन लगवाने के बाद थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) के साथ दुर्लभ Thrombosis (किसी रक्तवाहिका के अन्दर रक्त के जमना) की रिपोर्ट भी देखी गई है, जिसके कारण इसे बैन कर दिया गया।

वर्तमान में खून के थक्के बनने का सिंड्रोम जे एंड जे टीकों के साथ सबसे अधिक है, इसके बाद एस्ट्राजेनेका टीका है। इसलिए, मजबूत सुरक्षा दरों के बावजूद, कुछ जोखिम कारक और शर्तें हैं जो कुछ लोगों को विकल्प चुनने के लिए विचार करने पर मजबूर कर सकती हैं।

​ऑटोइम्यून कंडीशन्स

इस वैक्सीन से ऑटोइम्यून स्थितियों (autoimmune conditions) से पीड़ित लोगों में COVID-19 की अत्यधिक संभावना होती है और उन्हें वैक्सीन की सबसे अधिक आवश्यकता होती है।

एक ऑटोइम्यून कंडीशन मरीज में न केवल पुराने संक्रमणों के उपजने को आसान बना सकती है, बल्कि COVID-19 टीकों को भी बेअसर कर सकती है। अक्सर गंभीर एलर्जी प्रतिक्रियाओं के विकास के जोखिम को बढ़ा सकती है। विशेष रूप से, जैसा कि देखा गया है, ऑटोइम्यून स्थितियों से जुड़ी एलर्जी या तंत्रिका संबंधी विकारों का थोड़ा अधिक जोखिम हो सकता है।

​गर्भवती महिलाओं को खतरा

गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं अब COVID-19 के खिलाफ टीका लगवा सकती हैं और सरकार भी इसके निर्देश दे चुकी है। इस वैक्सीन से प्रेगनेंट और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी खतरा हो सकता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि गर्भावस्था के दौरान, डीवीटी (डीप-वेन थ्रॉम्बोसिस) का खतरा अधिक होता है, जो उन महिलाओं में सबसे अधिक होता है, जिन्होंने अभी-अभी बच्चे को जन्म दिया है (6 सप्ताह के बाद तक)।

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