November 26, 2024

अरपा नदी के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए बनेगी विस्तृत कार्ययोजना


बिलासपुर. जिले की जीवन रेखा अरपा नदी में बारहों महीने पानी का बहाव रहे एवं इसके संरक्षण के लिए आज मंथन सभाकक्ष में अरपा रिवाईवल प्लान समिति की बैठक कलेक्टर डाॅ. सारांश मित्तर की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में अरपा नदी के उद्गम, पानी का बहाव बना रहे एवं अतिक्रमण जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। समिति के सदस्यों ने अरपा नदी के भौगोलिक सर्वे, अरपा नदी के उद्गम क्षेत्र एवं जलग्रहण क्षेत्र के चिन्हांकन, खनिज गतिविधियां, अतिक्रमण, अरपा नदी में सीवरेज जल प्रवाह की रोकथाम के संबंध में एवं अरपा रिवाईवल हेतु किए जाने वाले कार्याें एवं गतिविधियों जैसे महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ चर्चा की। सभी विभागों द्वारा इन बिन्दुओं पर किये जाने वाले कार्याें की जानकारी दी गई। कलेक्टर डाॅ. मित्तर ने सिंचाई विभाग एवं वन विभाग के अधिकारियों को अरपा नदी के संबंध में पूर्व में किए गए सर्वेक्षण की रिपोर्ट उपलब्ध कराने कहा। जिन उद्योगों से नदी में प्रदूषण हो रहा है, उसकी सूची भी शीघ्र देने के निर्देश दिए। बिलासपुर के वनमण्डलाधिकारी ने सुझाव दिया कि अरपा के संवर्द्धन एवं संरक्षण के लिए अधिक से अधिक वृक्षारोपण एवं मृदा उपचार करवाना आवश्यक है। समिति में शामिल ईकोलाॅजिस्ट ने सुझाव दिया कि अर्जुन्दा के पौधे का रोपण लाभकारी होगा साथ ही उन्होंने पारिस्थितिकी तंत्र को ध्यान में रखते हुए प्लान बनाने पर जोर दिया।

उल्लेखनीय है कि अरपा विकास प्राधिकरण अंतर्गत अरपा नदी के जलग्रहण क्षेत्र में बिलासपुर, मुंगेली, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही एवं कोरबा के 8 विकासखण्डों के 625 ग्राम शामिल है। बैठक में खनिज विभाग के अधिकारियों ने अरपा नदी एवं आसपास के क्षेत्र में अवैध उत्खनन, परिवहन, भण्डारण करने वालों पर की गई कार्यवाही की जानकारी दी। नगर निगम आयुक्त द्वारा अरपा नदी में सीवरेज जल प्रवाह की रोकथाम के संबंध में जानकारी दी गई।  बैठक में गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही कलेक्टर सुश्री नम्रता गांधी, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हैरीश एस, अपर कलेक्टर श्रीमती जयश्री जैन, वनमण्डलाधिकारी कुमार निशांत, नगर निगम आयुक्त अजय त्रिपाठी, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही के वनमण्डलाधिकारी, समिति के सदस्य अधिवक्ता यू.एन.एस. देव, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रतिनिधि सुनील ओटवानी, प्रो. पी.एल. चंद्राकर, ईकोलाॅजिस्ट नीरज वर्मा सहित संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

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