आयुर्वेद पद्धति को जीवनशैली में अपनाएं : अरूण साव

बिलासपुर. राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस एवं धन्वंतरी जयंती के अवसर पर चिंगराजपारा में जिला स्तरीय आयुष मेला, योग प्रदर्शन एवं चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन सांसद श्री अरूण साव ने किया। उन्होंने आयुर्वेद पद्धति को जीवनशैली में अपनाने के लिये लोगों से अपील की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री साव ने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति हमारे देश की सबसे पुरातन चिकित्सा पद्धति है। आज विश्व में भी इस पद्धति के प्रति लोगों का झुकाव हो रहा है। आयुर्वेद को जीवन में अपनाकर हम सदैव स्वस्थ्य रह सकते हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कलेक्टर डाॅ.संजय अलंग ने की। उन्हांेने जन सामान्य को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य के लिये हानिकारक नशा जैसे तंबाखू, शराब से बचने का आव्हान किया। जिला आयुर्वेद अधिकारी डाॅ.प्रदीप शुक्ला ने अतिथियों का स्वागत करते हुए आयुष विभाग द्वारा दी जा रही सेवाओं की जानकारी दी। उन्हांेने बताया कि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 50 संस्थाएं आयुर्वेदिक पद्धति को बढ़ावा देने के लिये कार्यरत हैं।

कार्यक्रम के प्रारंभ में धन्वंतरी पूजा की गई और द्वीप प्रज्वलन कर समारोह का शुभारंभ किया गया। शिविर में सभी प्रकार के बीमारियों की जांच की गई तथा औषधियों का वितरण किया गया। सामान्य आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथी से उपचार के अलावा स्वस्थ्य व्यक्तियों का भी प्रकृति परीक्षण कर उन्हें स्वस्थ्य रहने के लिये मार्गदर्शन दिया गया। साथ ही रक्तचाप एवं मधुमेह परीक्षण भी किया गया। शरद ऋतु में सर्दी, खांसी से बचने एवं प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने हेतु अमृतवास काढ़ा का वितरण उपस्थित जन सामान्य को किया गया। शिविर में 793 मरीजों की जांच की गई। जिनमें 623 मरीजों का आयुर्वेद पद्धति से और 170 मरीजों का होम्यो पद्धति से उपचार किया गया।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ.प्रमोद महाजन, डाॅ.के.के.जायसवाल, डाॅ.संजय जायसवाल, पार्षद भागीरथी यादव, डाॅ.हेमंत कौशिक एवं अस्पताल के अन्य चिकित्सक उपस्थित थे। शिविर को सफल बनाने में डाॅ.निशांत कौशिक, डाॅ.प्रगति कौशिक, डाॅ.कोमल डोटे, होम्योपैथिक चिकित्सक डाॅ.गुंजन तिवारी, डाॅ.सुलेखा कौशिक आदि ने अपनी सेवाएं दी।  

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