मीडिया की छवि एवं जीवन यथार्थ पर कुलपति को सौपी रिपोर्ट स्त्री अध्ययन विभाग की डॉ. सुप्रिया पाठक ने किया शोध
वर्धा. ‘मीडिया की छवि एवं जीवन यथार्थ : परिधि की महिलाओं के विशेष संदर्भ में’ विषय पर भारतीय सामाजिक अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित अनुसंधान परियोजना के अंतर्गत महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के स्त्री अध्ययन विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुप्रिया पाठक की ओर से तैयार रिपोर्ट की प्रति उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल को सौपी है।
इस अवसर पर प्रति-कुलपति प्रो. चंद्रकांत रागीट, कुलसचिव कादर नवाज खान, प्रो. सी. एन. तिवारी, डॉ. अनिल कुमार दुबे, डॉ. अनवर अहमद सिद्दीकी, डॉ. सूर्य प्रकाश पाण्डेय, डॉ. राजेश लेहकपुरे, डॉ. अनिकेत आंबेकर एवं डॉ. हरीश पाण्डेय उपस्थित थे। परियोजना की मुख्य अन्वेषक डॉ. सुप्रिया पाठक ने इस शोध के अंतर्गत स्त्रियों के शरीर, यौनिकता, सामाजिक भूमिकाओं, समाज में उनके आर्थिक और वित्तीय योगदान, पारिवारिक कामकाज, राजनीतिक-सांस्कृतिक भागीदारी सहित जीवन के प्रमुख पहलुओं को अन्वेषित किया है। उन्होंने प्रस्तुत शोध के अंतर्गत परिधि की महिलाओं की मीडिया जनित सामग्री की छवि को उद्घटित करने की दृष्टि से विश्लेषण किया और वास्तविक जीवन की कथाओं के साथ सह संबंधित करने का प्रयास किया है। शोध के प्रथम चरण में धारावाहिक, विज्ञापन, वेब-सीरिज में प्रस्तुत कथानकों एवं चरित्रों का विश्लेषण किया गया तथा दूसरे चरण में क्षेत्रगत अनुभवों, व्यक्तिगत आख्यानों, साक्षात्कारों, समूह चर्चा तथा चयनित क्षेत्र के सहभागी अवलोकन के द्वारा स्त्री जीवन के सामाजिक-आर्थिक यथार्थ का विश्लेषण किया है।
अध्ययन के लिए महानगरों एवं नगरों में नई दिल्ली, पटना, बनारस, हैदराबाद, सासाराम, भागलपुर, नागपुर, वर्धा, गुलबर्गा इत्यादि तथा ग्रामीण इलाकों के तहत महाराष्ट्र के नालवाड़ी, कारंजा, गणेशपुर, आर्वी, पिपरी, शेगांव, बोरखेडी, देवली, कारला तथा बिहार के पटखैलिया, बभनगावाँ, नसेज, बैद्यनाथपुर, परसथुवाँ, कुदरा, मोहनियाँ, पट्टी, करमा, अहिरवलिया, मझौली, बिहियाँ, जगदीशपुर, रजौन, कामदेवपुर, सीढी, चांदपुर क्षेत्रों की महिलाओं को उत्तरदाताओं के रूप में चुना गया।
इस शोध कार्य के लिए डॉ. अवंतिका शुक्ला, डॉ. आशा मिश्रा, श्री शरद जयसवाल, सुश्री चेतना शुक्ला, डॉ. सत्यम सिंह तथा डॉ. वरुण कुमार ने सहयोग प्रदान किया है।