गोबर से बने दीयों से हर घर होगा रौशन गौठान में निर्मित दिए का शनिचरी में लगा स्टॉल
बिलासपुर. इस दीपावली पर घरों को गोबर से बने दीयों से रोशन करने महिला समूहों ने 50 हजार से अधिक दीयों का निर्माण किया है। गोधन से निर्मित इन उत्पादों को जनजन तक पहुंचाने शनिचरी बाजार में नगर निगम के गोठान में निर्मित दीयों का दुकान लगाया गया है। इस स्टॉलों पर लोगों को दीयों के अलावा घरों को सजाने के लिए सीनरी, श्रीलक्ष्मी गणेश की प्रतिमा व ग्वालिन उपलब्ध होगी।
दीवाली से पहले ही नगर निगम के गोठानों में दीये तैयार किए जा चुके हैं। महापौर रामशरण यादव ने गोठान में काम करने वाले स्व सहायता समूह के महिलाओं से मिलकर जानरकारी ली स्व. सहायता समूह के महिलाओं ने मेयर को गोठान में निर्मीत गोबर के दीए भ्ोट किए महापौर यादव ने बताया कि निगम के तिफरा, सकरी मोपका के गोठानों में दीये और पूजा के लिए मूर्तियां बनाई गई हैं। स्टॉल में गोबर से बने चटक रंगों के दीये और मूर्तियां स्टॉल का आकर्षण बनी हुई है। दीया पूर्ण रूप से ईको फ्रेंडली है। एक बार इसका उपयोग करने के पश्चात खाद के रूप में भी प्रयुक्त किया जा सकता है। अपर आयुक्त राकेश जयासवाल ने बताया कि शनिचरी बाजार में स्टॉल शुरू हो गई है। लोगों का भी अच्छा रिस्पॉंस मिल रहा है। ऐसे में उम्मीद है कि समूहों द्बार निर्मीत 1 लाख से ज्यादा दीए बिकेंगे। गोठानों में तैयार किए गए दीयों को काउंटर लगाकर वहीं भी बेचा जाएगा इस दौरान सभापति श्ोख नजीरूद्दीन, बिलासा गोठन के खूशबू वस्त्रकार, जोन कमीश्नर रंजना अग्रवाल, उपअभियांता शालनी कश्यप, कलेश्वर, जुगल कुरैसिया सहित अन्य उपस्थित रहें।
चटक रंगों से बने दीयों को सभी जगह मिल रहा रिस्पॉन्स
बाजार में शॉपिग करने आई निर्मला मानिकपुरी की नजर स्टॉल पर पड़ी तो चटक रंगों से निर्मित दीये को खरीदने उत्साहित हो गई उन्होंने बताया कि चाइनीज झालरों से अच्छा है कि प्राकृतिक रूप से बने दीये के उपयोग से घर को रोशन करेंगे। इससे हम पारंपरिक त्योहार में प्रकृति से जुड़ते है। बंधवापारा के गणेश यादव गोठान के केन्द्र से दीया खरीदते हुए बताया कि गोबर से निर्मित दीये व अन्य वस्तुएं उन्होंने त्योहार में सजाने के लिए खरीदा है। यह पूर्ण रूप से ईको फ्रेंडली है एक बार इसका उपयोग करने के पश्चात खाद के रूप में भी प्रयुक्त किया जा सकता है। इससे पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा।
बाजार में शॉपिग करने आई निर्मला मानिकपुरी की नजर स्टॉल पर पड़ी तो चटक रंगों से निर्मित दीये को खरीदने उत्साहित हो गई उन्होंने बताया कि चाइनीज झालरों से अच्छा है कि प्राकृतिक रूप से बने दीये के उपयोग से घर को रोशन करेंगे। इससे हम पारंपरिक त्योहार में प्रकृति से जुड़ते है। बंधवापारा के गणेश यादव गोठान के केन्द्र से दीया खरीदते हुए बताया कि गोबर से निर्मित दीये व अन्य वस्तुएं उन्होंने त्योहार में सजाने के लिए खरीदा है। यह पूर्ण रूप से ईको फ्रेंडली है एक बार इसका उपयोग करने के पश्चात खाद के रूप में भी प्रयुक्त किया जा सकता है। इससे पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा।