दिल्‍ली पुलिस को मिला मध्‍यप्रदेश IPS एसोसिएशन का साथ, कहा- पुलिस को भी सुरक्षित रहने का अधिकार

भोपालतीस हजारी अदालत (Tis Hazari Court) में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) और वकीलों (Lawyers) की हुई झड़प के बाद कड़कड़डूमा और साकेत जिला अदालतों में वकीलों द्वारा पुलिसकर्मियों की पिटाई की घटनाएं सामने आई हैं. इससे न केवल दिल्‍ली पुलिस के कर्मी नाराज हैं, बल्कि देशभर के पुलिस विभाग भी आपत्ति दर्ज करते हुए दिल्‍ली पुलिस के समर्थन में उतर आए हैं.

मध्य प्रदेश आईपीएस एसोसिएशन ने दिल्‍ली पुलिसकर्मियों के साथ हुई घटना पर निंदा प्रस्ताव पास किया और एसोसिएशन ने दिल्ली में पुलिसवालों के साथ हुई घटना का विरोध जताया. इस निंदा प्रस्‍ताव में कहा गया कि आम नागरिक की तरह पुलिस को भी सुरक्षित रहने का अधिकार है.

दरअसल, तीस हजारी कोर्ट में वकीलों के साथ हुई मारपीट के बाद अपनी मांगों को लेकर मंगलवार को दिल्ली पुलिस के कर्मी विरोध में उतर आए और उन्‍होंने दिल्‍ली पुलिस मुख्‍यालय के सामने धरना दिया, जोकि सुबह से रात तक चला. उन्‍होंने पुलिस कमिश्‍नर की बात तक नहीं मानी और अपनी मांगों पर अड़े रहे. हालांकि उच्चाधिकारियों से मिले आश्वासन के बाद रात आठ बजे समाप्त हो गया.

वादा यह था कि पुलिसकर्मी खुद को अकेला न समझें, सरकार और महकमा उनके साथ है. वादे को सही साबित करने के लिए दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त (अपराध) सतीश गोलचा ने घोषणा की कि बुधवार को सुबह दिल्ली पुलिस हाईकोर्ट में एक समीक्षा याचिका दायर करेगी. समीक्षा याचिका में हाईकोर्ट से अनुरोध किया जाएगा कि, जब घायल वकीलों के लिए आर्थिक मदद की घोषणा दिल्ली हाईकोर्ट की तरफ से रविवार को की गई, रविवार को ही हाईकोर्ट के आदेश में यह भी कहा गया कि जब तक मामले की न्यायिक जांच पूरी न हो जाए, तबतक किसी भी वकील की गिरफ्तारी नहीं की जाएगी. ऐसे में फिर ये सभी सुविधाएं घटना वाले दिन मौके पर घायल हुए पुलिसकर्मियों को भी दी जाएं.


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