भारत के इतिहास को भारतीय परिप्रेक्ष्य में देखने की जरूरत : प्रो. उमेश कुमार कदम
वर्धा. महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में जनजातीय गौरव सप्ताह के अंतर्गत आयोजित विशेष व्याख्यान में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के इतिहास अध्ययन केंद्र के प्रो. उमेश कुमार कदम ने कहा कि हमें भारत के इतिहास को भारतीय परिप्रेक्ष्य में देखने की आवश्यकता है। हमारी संस्कृति, संस्कार और परंपरा में भारतीयता है। बिरसा मुंडा क्रांति के मसिहा है।
प्रो. उमेश कुमार कदम बुधवार को बिरसा मुंडा की जयंती के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। विश्वविद्यालय के गालि़ब सभागार में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रतिकुलपति प्रो. हनुमानप्रसाद शुक्ल ने की। प्रो. कदम ने बिरसा मुंडा के जीवनसंघर्ष पर प्रकाश डालते हुए कहा की बिरसा मुंडा ने जीवनपर्यंत जनजातीय समाज के लिए संघर्ष किया। इसलिए उन्हें भगवान कहा जाता है। उनके संबंध में लिखे गये इतिहास को पुन: देखने की जरूरत है। प्रो. कदम ने मध्ययुगीन काल के विश्वविद्यालयों और भारत में भक्ति आंदोलन के प्रभाव की चर्चा अपने सारगर्भित वक्तव्य में की। अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में प्रतिकुलपति प्रो. हनुमानप्रसाद शुक्ल ने कहा कि प्रो. कदम ने भारतीय इतिहास को देखने की एक सम्यक दृष्टि प्रस्तावित की है। उन्होंने प्रो. कदम की इस स्थापनाओं से अपनी सहमति प्रकट की। कार्यक्रम के संयोजक तथा डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर- सिदो कान्हू मुर्मू दलित एवं जनजातीय अध्ययन केंद्र के निदेशक प्रो. एल. कारुण्यकरा ने स्वागत भाषण में कहा कि बिरसा मुंडा को एक ऐतिहासिक नेता के रूप में याद किया जाता है। वे जनजातीय समाज में धरतीबाबा के नाम से भी प्रचलित है।
कार्यक्रम का संचालन जनसंचार विभाग के अध्यक्ष प्रो. कृपाशंकर चौबे ने किया तथा आभार कुलसचिव काद़र नवा़ज खा़न ने ज्ञापित किया। ऑनलाईन तथा ऑफलाईन पद्धति से कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के अध्यापक, अधिकारी, कर्मचारी तथा विद्यार्थी बड़ी संख्या में सहभागी हुए। जनजातीय गौरव सप्ताह के अंतर्गत 18 नवंबर को जनजातीय सर्वेक्षण की कार्य योजना (सामाजिक नीति अनुसंधान प्रकोष्ठ द्वारा) प्रस्तुत की जाएगी जिसके संयोजक डॉ. के. बालराजु एवं डॉ. राजेश लेहकपुरे होंगे। 22 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा केंद्रित नाट्य/नृत्य की प्रस्तुति होगी। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. सतीश पावड़े एवं डॉ. सुरभि विप्लव होंगी।