एचआईवी एड्स के प्रति लोगों को जागरूक करने स्वास्थ्य विभाग चला रहा 1 से 15 दिसंबर तक एड्स पखवाड़ा

बिलासपुर. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत1 से 15 दिसंबर तक विश्व एड्स दिवस पखवाड़ा मनाया जाएगा। इस दौरान लोगों को एड्स जैसी खतरनाक बिमारी के प्रति जागरूक किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग एचआईवी एड्स को लेकर जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित करेगा।इसके साथ ही सिम्स के एआरटी सेंटर द्वारा भी एचआइवी पाजिटिव का उपचार करने के साथ ही उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।महिलाओं में एचआईवी एड्स के प्रति जागरूकता बढ़ी राज्य के एनएफएचएस-5 के आंकड़ों में यह बात सामने आई है कि पहले जहाँ 20 प्रतिशत महिलाओं को ही एचआईवी एड्स की जानकारी थी वहीँ अब 23 प्रतिशत महिलाओं को एचआईवी एड्स के बारे में पर्याप्त जानकारी है। इसके अतिरिक्त पहले 57 प्रतिशत महिलाएं ही जानतीं थीं कि शारीरिक सम्बन्ध के दौरान कंडोम के प्रयोग से एचआईवी एड्स से बचा जा सकता है वहीँ अब लगभग 76 प्रतिशत महिलाओं को इस बारे में पता है।
विश्व एड्स दिवस के बारे में सीएमएचओ डॉ. प्रमोद महाजन ने बताया, “बिलासपुर में एचआइवी पाजिटिव लोगों को बेहतर उपचार देने के प्रयास किए जा रहे हैं। यह बीमारी और न बढ़े इसके लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। साल 2010 से 2021 तक जिले में 3,748 एड्स पाजिटिव मिल चुके हैं। आने वाले सालों में इसे और कम करने के लक्ष्य को लेकर काम किया जा रहा है। इसीलिए अधिक से अधिक मरीजों का एचआईवी टेस्ट करके उनका रजिस्ट्रेशन एआरटी सेंटर में कराया जा रहा है, जिसे वह सही उपचार लेकर एक बेहतर जीवन जी सकें।“

क्या है एड्स
एचआईवी यानि एड्स एक ऐसा वायरस है जो हमारी शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देता है। इससे तरह तरह की बीमारियां लोगों को जल्द घेर लेती हैं। इसी अवस्था को एड्स कहते हैं।
इंजेक्शन का नशा भी बन रहा बड़ा कारण
जिले में इंजेक्शन से नशा करने वाले आपस में एक दूसरे पर प्रयोग की गई सिरिंज का उपयोग कर लेते हैं। जिससे उन्हें उस समय तो होश नहीं रहता, लेकिन उनकी इस लापरवाही से एचआईवी संक्रमण एक से दूसरे में जरूर पहुंच जाता है। ओएसटी (ओरल सबटीयूएड थेरिपी) सेंटर में ऐसे हजार से ज्यादा मरीजो का उपचार चल रहा है, जो बार बार संक्रमित सुई का उपयोग करते हैं।इनमें कई लोग एचआइवी संक्रमित भी हैं।

यह हैं एचआईवी संक्रमण के मुख्य कारण
1. असुरक्षित यौन संबंध।
2. संक्रमणित सुई का बार-बार उपयोग।
3. एचआइवी पीड़िता से जन्मा बच्चा।
4. इंजेक्शन से नशा भी एक बड़ा कारण

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