मकर संक्रांति पर बन रहा है सूर्य-शनि का दुर्लभ संयोग, जरूर करें ये काम, बदल जाएगी किस्मत

साल के सभी संक्रांतियों में मकर संक्रांति का विशेष महत्व है. क्योंकि इस दिन ग्रहों के राजा सूर्य का राशि परिवर्तन होता है. सूर्य के राशि परिवर्तन से मंगल कार्य शुरू हो जाते हैं. इस बार मकर संक्रांति पर सूर्य का दुर्लभ संयोग बन रहा है. दरअसल 14 जवनरी पर इस बार 29 साल बाद शनि और सूर्य का मिलन होने वाला है. ऐसे में इस दिन कुछ खास काम करने से सूर्य और शनि की विशेष कृपा मिलती है. जिससे जिंदगी खुशहाल रहती है. मकर संक्राति पर कौन सा काम करना चाहिए इसे जानते हैं.

सूर्योदय से पूर्व स्नान 

शास्त्रों के मुताबिक मकर संक्रांति के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करना करना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से 10 हजार गौ-दान जितना फल मिलता है. वैसे तो किसी भी पवित्र नदी में स्नान करना पुण्यदायी होत है लेकिन प्रयागराज संगम में स्नान करने से मोक्ष मिलता है. इसके अलावा इस दिन गंगासागर में स्नान से भी बेहद लाभ मिलता है. कोरोना के कारण नदियों में स्नान करना संभव न हो तो ऐसे में घर पर स्नान के पानी में कुछ बूंद गंगाजल मिलाकर नहा सकते हैं.

सूर्यदेव की पूजा

मकर संक्रांति पर सूर्य देव को जल अर्पित करने का खास महत्व है. इसलिए इस दिन स्नान के बााद तांबे को लोटे में जल, लाल चंदन, लाल फूल और काला तिल मिलाकर भगवान भास्कर को जल देना चाहिए. इस दौरान ‘ओम् घृणि सूर्याय नमः’ मंत्र बोलना लाभकारी रहेगा. पुराणों के मुताबिक सूर्यदेव को जल देने से सुख-समृद्धि के साथ-साथ लंबी आयु का आशीर्वाद मिलता है.

तिल-गुड़ का दान

पद्मपुराण के मुताबिक सूर्य उत्तरायण में किए गए काम अक्षय फल देने वाले होते हैं. ऐसे में इस दिन पितरों के लिए तर्पण और देवता की पूजा अक्षय होती है. इसके अलावा इस दिन काले कंबल, ऊनी कपड़े, तिल-गुड़ और खिचड़ी का दान शुभ होता है. इससे शनिदेव और भगवान सूर्य की विशेष कृपा मिलती है.

सूर्य-शनि की कृपा पाने के लिए करें ये काम

मकर संक्रांति के दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं. मकर राशि का स्वामी ग्रह शनि हैं जो सूर्यदेव के पुत्र हैं. पुत्र होते हुए भी शनिदेव अपने पिता से बैर रखते हैं. ऐसे में शनिदेव की कृपा बनी रहे इसलिए इस दिन तिल का सेवन और दान करना चाहिए. इसके अलावा तिल-गुड़ से बने व्यंजनों का सेवन जरूर करना चाहिए.

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