जीवन में कभी तरक्‍की नहीं कर पाते ऐसे लोग, ये काम आ जाते हैं आड़े

नई दिल्‍ली. जिस तरह आचार्य चाणक्‍य की नीतियां आज भी प्रासंगिक और उपयोगी हैं, वैसे ही महाभारत काल के महान बुद्धिजीवी महात्‍मा विदुर की नीतियां भी बहुत काम की हें. महात्‍मा विदुर कुशाग्र बुद्धि के स्‍वामी होने के साथ-साथ दूरदर्शी भी थे, उन्‍होंने महाभारत युद्ध के परिणामों के बारे में महाराजा धृतराष्‍ट्र को पहले ही बता दिया था, फिर भी कौरव नहीं चेते और युद्ध से हुआ इतना नुकसान सभी को झेलना पड़ा. आज हम विदुर नीति में बताए गए उन कामों के बारे में जानते हैं जो मूर्खतापूर्ण माने गए हैं. साथ ही ये काम करने वाला व्‍यक्ति कभी तरक्‍की नहीं कर पाता है.

ऐसे काम करने वाला व्‍यक्ति मूर्ख होता है 

विदुर नीति के मुताबिक कुछ काम ऐसे हैं, जिन्‍हें करने वाला व्‍यक्ति मूर्ख की श्रेणी में आता है, भले ही वह खुद को कितना भी बुद्धिमान समझे. खासतौर पर अपनी गलती का ठीकरा दूसरों पर फोड़ने वाला व्‍यक्ति कभी तरक्‍की नहीं करता है. वह खुद को दूसरों के सामने कितना भी बुद्धिमान दर्शाए लेकिन असल में वह मूर्ख होता है. जिंदगी में वही व्‍यक्ति आगे बढ़ता है जो अपनी गलती स्‍वीकारे और उसे सुधारे. जो व्‍यक्ति अपनी गलती दूसरों पर मढ़ता है, वही गलतियां ही करता रहता है और आगे नहीं बढ़ पाता.

अक्षम होते हुए दूसरों पर नाराज होना 

ऐसे लोग जो खुद किसी काम को करने के लिए अयोग्‍य हों लेकिन दूसरों के कामों में गलतियां निकालें और उन पर नाराज हों, वे भी मूर्ख होते हैं. बेहतर है कि पहले खुद कुछ करें और फिर दूसरों के कामों में गलतियां निकालें. कर्म न करने वाले लोगों का दूसरों पर नाराज होना या उनके काम में गलतियां निकालना निरर्थक हैं क्‍योंकि उनकी बात पर कोई ध्‍यान ही नहीं देगा.

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