रोजगार देने में सफल छत्तीसगढ़ मॉडल को अपनाएं केंद्र सरकार गुजरात मॉडल से देश में बढ़ी बेरोजगारी

रायपुर. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार की छत्तीसगढ़ मॉडल के चलते छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दरों में कमी आई है पूर्व के रमन सरकार के दौरान 2018 में बेरोजगारी दर 22 प्रतिशत था आज 1.7 प्रतिशत है जो राष्ट्रीय बेरोजगारी दर 7.5 प्रतिशत के आधा से भी कम है। सीएमआईई के आंकड़े मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार के द्वारा राज्य में बेरोजगारी खत्म करने शुरू किए गए रोजगारमुल्क योजनाओ की सफलता की गवाही दे रही है। किसानों की कर्ज माफी की गई धान की कीमत 2500 रु प्रति क्विंटल दिया गया तब कृषि क्षेत्र की ओर युवाओ का रुझान बढ़ा है तीन साल में धान उत्पादन करने वाले 4 लाख 50 हजार किसान एवं रकबा बढ़ा है राजीव गांधी किसान न्याय योजना में धान के अलावा कोदो कुटकी रागी गन्ना मक्का दलहन तिलहन फलदार वृक्ष और सब्जी लगाने वाले किसानों को भी 10हजार रु प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जा रही है, गोधन न्याय योजना में दो रुपए किलो में गोबर खरीदी कर पशुपालकों को गोबर बीनने वालों को आर्थिक मदद की जा रही है पशुधन की भी सेवा हो रही है छुट्टा घूमने वाले जानवरों पर विराम लगा है इस योजना से एक लाख से अधिक हितग्रही जुड़े हुए हैं। राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना सहित अनेक रोजगारमुल्क योजनाओ से छत्तीसगढ़ के किसान मजदूर युवा कामकाजी महिलाये व्यापारी छोटे मझोले उद्योगों को लाभ मिला है। शिक्षा विभाग में 14580 पदों पर सीधी भर्ती पुलिस विभाग स्वास्थ्य विभाग विद्युत विभाग कृषि विभाग में भी सरकारी सेवा के अवसर दिए जा रहे हैं ई लाइसेंस के माध्यम से स्थानीय स्तर पर पढ़े लिखे युवाओं को 20लाख रु तक निर्माण कार्यो की जिम्मेदारी दी जा रही है। बस्तर में एनएमडीसी में स्थानीय स्तर पर भर्ती किया जा रहा है बस्तर बटालियन का गठन किया गया है 61 वनोपज की समर्थन मूल्य में खरीदी की जा रही है तेंदूपत्ता का मानक दर 2500रु से बढ़ाकर 4000 रु प्रति बोरा दिया जा रहा है और भी अनेक रोजगार मूलक कार्य शुरू किए गए हैं। जिसका परिणाम है कि छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर 2018 में 22 प्रतिशत से घटकर 1.7 प्रतिशत हुआ है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि अब मोदी सरकार को गुजरात मॉडल को त्याग कर छत्तीसगढ़ मॉडल को अपनाना चाहिए।गुजरात मॉडल से बीते सात साल में देश को सिर्फ नुकसान हुआ है।बेरोजगारी के मामले में देश 45 साल पुरानी स्थिति में है महंगाई चरम सीमा में है,वादानुसार दो करोड़ रोजगार देना दूर की बात मोदी सरकार के गलत नीतियों के चलते 23 करोड़ हाथो से रोजगार छीना जा चुका है देश गम्भीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है, सरकारी कम्पनियों बिक रही है बैंक डूब रही है बैंक डिफाल्टर देश छोड़कर भाग रहे है सात साल में लगभग 15 हजार से अधिक छोटे बड़े उद्योगपति अपना कारोबार समेट कर देश छोड़ दिये। रिजर्व बैंक के रिजर्व खाते से दो लाख करोड से अधिक की राशि निकाली जा चुकी है देश के ऊपर कर्ज 146 लाख करोड़ तक पहुँच चुका है।

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