VIDEO-सात दिनों में यात्री गाडिय़ों का परिचालन शुरू नहीं किया गया तो आम जनता के साथ कांग्रेस पार्टी चरणबद्ध आंदोलन करेगी : विजय

बिलासपुर/अनिश गंधर्व. भारतीय रेल व केन्द्र सरकार की नीति ने आम जनता की कमर तोड़कर रख दी है। राज्य में यात्री गाडिय़ों का परिचालन बंद होने से हजारों लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आस-पास के गांवों से हजारों की संख्या में मजदूर शहर आकर काम करते हैं, इन मजदूरों के सामने रोजी रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है। कांग्रेस पार्टी हर ब्लाक और गांवों के लोगों को एक जुटकर जिले के सभी रेलवे स्टेशनों में स्टेशन मास्टर को जीएम के नाम ज्ञापन सौंपेगा। वहीं मांगे पूरी नहीं होने पर डीआरएम का घेराव भी किया जाएगा। सात दिनों भीतर इस समस्या को नहीं सुलझाया गया तो कांग्रेस पार्टी रेल रोको आंदोलन पर रणनीति तय करेगी। उक्त बातें जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय केशरवानी ने कहीं है। कांग्रेस भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि यह आंदोलन जन आंदोलन है कांग्रेस पार्टी इसमें राजनीति नहीं करना चाहती। इसलिये ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को एकत्र किया जाएगा उनके साथ मिलकर ट्रेनों के स्टापेज और परिचालन की मांग लेकर ज्ञापन सौंपा जाएगा।

उन्होंने बताया कि रेल प्रशासन व्यापारिक दृष्टिकोण से काम रही है। जबकि बिलासपुर जोन सबसे ज्यादा आय देने वाला जोन है। कोरोना काल में भी रेलवे द्वारा सभी यात्री गाडियों को खड़ा कर दिया गया। खाली बोगियों को एंबुलेंस बनाकर कोरोना के मरीजों का उपचार किया जाना था इस दौरान वहां एक भी मरीज का उपचार नहीं किया गया और न ही वहां डॉक्टरों की तैनाती की गई। खासकर बिलासपुर जिले के लोगों के साथ रेल प्रशासन अन्याय कर रही है। कोरोना काल में लगभग 400 स्टेशनों में गाडिय़ों के स्टापेज को खत्म कर दिया गया। करगीरोड कोटा में शांतिपूर्ण ढंग से यात्री गाडिय़ों की स्टापेज की मांग के लेकर किये जा रहे आंदोलन को रेल प्रशासन ने बुरी तरह कुचल दिया और आंदोलन करने वालों के खिलाफ दंडनात्मक कार्यवाही की गई। भारतीय जनता पार्टी के नेता केन्द्रीय नेतृत्व के सामने घुटने टेक चुके हैं। वे आम जनता की मांग को लेकर खुलकर बोलने से बच रहे हैं।

दूसरी ओर केन्द्र सरकार द्वारा डीजल-पेट्रोल की कीमत में लगातार बढ़ोत्तरी की जा रही है। सड़क मार्ग से लोग यात्रा करने को विवश हो रहे है। किराया बढ़ गया है, खासकर जिन मरीजों को शहर के बड़े डॉक्टरों से उपचार कराना होता है उन्हें भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है।  अगर एक सप्ताह के भीतर भारतीय रेलवे द्वारा लिये इस फैसले को अविलंब वापस नहीं किया गया तो चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा।

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