नाम बदलकर प्रतिरूपण करने वाले अभियुक्त को दो वर्ष का कठोर कारावास

सागर. न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी सागर के न्यायालय ने नाम बदलकर प्रतिरूपण करने वाले अभियुक्त हरिप्रसाद पिता लक्ष्मीप्रसाद मौर्य आयु 35 वर्ष निवासी आनंद नगर थाना पदमाकर नगर को दोषी पाते हुए धारा 201, 205, 419 भादवि में 2-2 वर्ष के कठोर कारावास और 500 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित करने का आदेश दिया। राज्य शासन की ओर से पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी अमित जैन (जूनि.) ने की। अभियोजन के मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा ने बताया कि अभियोजन कहानी इस प्रकार है कि अभियुक्त हरिप्रसाद मौर्य पर भादवि की धारा 201, 202 205, 419, 187 के अंतर्गत आरोप था कि उसने दिनांक 04.03.2011 को समय करीब 05.30 बजे थाना पदमाकर नगर के अपराध क्रमांक-0/11 के अंतर्गत धारा 324, 34 भादवि के अपराध में यह जानते हुए कि रम्मू उर्फ रामू ने उक्त अपराध कारित किया है उक्त अपराध कारित किये जाने के साक्ष्य का विलोपन इस आषय से किया कि वह उक्त अपराध में रम्मू उर्फ रामू मौर्य को वैध दण्ड से प्रतिछादित करें और अपने स्वयं को रम्मू अभिव्यक्त कर ऐसी इत्तिला दी कि जिसके मिथ्या होने का उसे विष्वास था।  अभियुक्त ने उक्त अपराध में स्वयं को रामू मौर्य के रूप में प्रतिरूपित कर प्रकरण में मेमोरेण्डम कथन दिए एवं चाकू जप्त कराया तथा गिरफ्तारी कराई। अदालत में पेष किए जाने पर हरिप्रसाद ने रम्मू न होकर हरिप्रसाद स्वीकार्य किया। प्रकरण को अभियुक्त के विरूद्ध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विचारण के दौरान अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। न्यायालय ने अपने निर्णय में उल्लेखित किया है कि अभियुक्त द्वारा पुलिस एवं न्यायालय जैसी संस्था के प्रति अपराध किया है यदि अपराधी के प्रति सरल दृष्टिकोण अपनाया जाता है तो समाज का पुलिस तथा न्यायालय जैसी संस्थाओं पर विष्वास कम होगा। अभियोजन के द्वारा प्रस्तुत सबूतों और दलीलों से सहमत होते हुए न्यायालय द्वारा अभियुक्त हरिप्रसाद पिता लक्ष्मीप्रसाद मौर्य को धारा 201, 205, 419 भादवि में 2-2 वर्ष के कठोर कारावास और  500 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित करने का निर्णय पारित किया।

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