एक पेड़ मां के नाम अभियान: जिले में चलेगा वृहद वृक्षारोपण अभियान
कलेक्टर ने ली उद्योगपतियों, अधिकारियों और समूह की दीदियों की बैठक*
भू-जल संरक्षण, पर्यावरण सुरक्षा और जनभागीदारी पर कलेक्टर का जोर
बिलासपुर, जिले में गिरते भू-जल स्तर और बढ़ते तापमान जैसी पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने के लिए कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल ने जिले वृक्षारोपण अभियान शुरू करने की घोषणा की है। एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत जिले में हरियाली के लिए सघन पौधरोपण अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान में औद्योगिक संगठनों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए कलेक्ट्रेट सभागार में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें जिले के प्रमुख उद्योगपतियों ने भाग लिया। बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्री संदीप अग्रवाल, एडीएम श्री शिव कुमार बनर्जी, लघु उद्योग संघ के अध्यक्ष श्री हरीश केड़िया, प्रेस क्लब के अध्यक्ष श्री इरशाद अली सहित उद्योगपति, एनटीपीसी के अधिकारी एवं अन्य अधिकारी मौजूद थे।
बैठक को संबोधित करते हुए कलेक्टर ने कहा, “उद्योगों का विकास जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी है पर्यावरण की सुरक्षा और सरंक्षण। हमें विकास और प्रकृति के बीच संतुलन बनाना होगा।” उन्होंने उद्योगपतियों से आग्रह किया कि वे सामाजिक उत्तरदायित्व के अंतर्गत पर्यावरण संरक्षण के कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाएं। कलेक्टर ने सभी औद्योगिक इकाइयों को कम से कम 10,000 पौधे लगाने का लक्ष्य दिया। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा स्थान की सूचना दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि यह सिर्फ संख्या का लक्ष्य नहीं है। बल्कि पौधों की सुरक्षा और देखभाल भी जरूरी है। कलेक्टर श्री अग्रवाल ने सुझाव दिया कि फलदार वृक्षों को प्राथमिकता दी जाए, जिससे स्व-सहायता समूहों को देखरेख की जिम्मेदारी दी जा सके। इससे न केवल पौधों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि ग्रामीण महिलाओं को आजीविका का नया माध्यम भी प्राप्त होगा।
कलेक्टर ने गौठानों को वृक्षारोपण और वाटर रीचार्जिंग के केंद्र के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन स्थलों का उपयोग जल संरक्षण, सोखता गड्ढों और वर्षा जल संचयन के लिए किया जाए, जिससे भू-जल स्तर में सुधार संभव हो सके।
बैठक में सिरगिट्टी, तिफरा और सिलपहरी औद्योगिक क्षेत्रों में विशेष रूप से सघन वृक्षारोपण की आवश्यकता बताई गई। उन्होंने निर्देश दिए कि इन क्षेत्रों में न केवल वृक्षारोपण हो, बल्कि पेड़ों की सुरक्षा और निरंतर देखरेख की भी समुचित व्यवस्था की जाए।कलेक्टर ने बड़े उद्योगों को नर्सरी विकसित करने के निर्देश दिए, ताकि वृक्षारोपण के लिए स्थानीय स्तर पर पर्याप्त पौध सामग्री उपलब्ध हो। उन्होंने कहा कि यह अभियान तभी सफल होगा जब इसमें सामूहिक भागीदारी, जनचेतना और सामाजिक सरोकार जुड़े हों।
बैठक में उद्योगपतियों ने अब तक वृक्षारोपण किए गए कार्यों की जानकारी दी और भविष्य की योजनाओं पर सुझाव भी प्रस्तुत किए। कलेक्टर ने सभी संगठनों से विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिए और कहा कि जल संरक्षण और पर्यावरण संवर्धन की दिशा में औद्योगिक संगठनों की भूमिका महत्वपूर्ण है, उन्होंने पर्यावरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले उद्योगों और सामाजिक संगठनों की सराहना की।