एयू में दो दिवसीय फाइनेंस स्टडीज विभाग द्वारा वेबीनार का आयोजन किया गया
बिलासपुर. अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय के द्वारा कॉमर्स एवं फाइनेंस स्टडीज विभाग द्वारा दो दिवसीय वेबीनार का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य एडीएन वाजपेई की अध्यक्षता में किया गया । वेबीनार का विषय फाइनेंसियल मैनेजमेंट फॉर इफेक्टिव कंट्रोल ऑफ़ कोविड पांडेमिक था । डॉक्टर पूजा पांडे विभाग अध्यक्ष कॉमर्स एवं फाइनेंस ने कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बताया उसके पश्चात विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ सुधीर शर्मा ने स्वागत उद्बोधन दिया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर गिरीश चंद्र त्रिपाठी चेयरमैन उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा काउंसिल रहे कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रोफेसर वीएन आलोक इंस्टिट्यूट पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन नई दिल्ली रहे, विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर राजकुमार आचार्य जी कुलपति ए पी एस विश्वविद्यालय रीवा रहे । मुख्य वक्ता प्रोफेसर वीएन आलोक जी ने बताया कि क्योंकि कोविड-19 के वेरियंट बहुत ज्यादा है तथा साथ ही गांव में इस वायरस का खतरा मंडरा रहा है अतः पंचायतों को अपनी अहम भूमिका निभानी होगी उन्होंने आगे बताया कि जीडीपी का 1% ही पब्लिक हेल्थ में खर्च किया जाता है हर हाल में इसे बढ़ाया जाना चाहिए। लोकल अथॉरिटी व पंचायतों को वैक्सीनेशन हेतु ज्यादा से ज्यादा पावर देने की आवश्यकता है। प्रोफेसर राजकुमार आचार्य जी ने बताया कि देश के सामने भारी चुनौतियां आ गई हैं वित्तीय प्रबंधन की कमी के कारण है इंजेक्शन की कालाबाजारी होने लगी उन्होंने यह भी कहा कि केवल बजट का नियोजन ही नहीं उसका सही रूप में क्रियान्वयन भी किया जाना चाहिए यदि समाज के सैकड़ों लोग अपनी आय का 1% खर्च करने लगे तो कहीं और से वित्त की व्यवस्था करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी ।कोविड-19 में अर्थ की परिभाषा मुद्रा से हटकर सामाजिक संवेदना होनी चाहिए डॉ गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि गांव और शहरों में स्वास्थ्य बीमा करवाने की जागृति नहीं है स्वास्थ्य शिक्षा के संबंध में व्यक्ति समाज और सरकार की सोच बदलनी होगी। प्रोफेसर एडीएन वाजपेई सर ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि इस नेशनल इमरजेंसी में भारतवर्ष के प्रत्येक नागरिक को स्वास्थ्य सुविधाएं एक ही प्रकार के दी जानी चाहिए सभी स्टेट के स्वास्थ्य व वित्त मंत्री जो को एक सूत्र में बंद कर कार्य करना चाहिए केंद्र सरकार द्वारा एक सूत्री योजना होनी चाहिए। अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर सुमोना भट्टाचार्य जी द्वारा दिया गया कार्यक्रम का अगला पड़ाव प्लेनरी सेशन था जिसमें प्रोफेसर अजय कुमार सिंह वाइस चांसलर श्री श्री यूनिवर्सिटी भुवनेश्वर एवं प्रोफेसर पीके चौबे इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन न्यू दिल्ली पैनलिस्ट के रूप में उपस्थित थे। इस सेशन की अध्यक्ष था प्रोफेसर पियूष रंजन अग्रवाल जी ने की । प्रोफेसर पीके चौबे जी ने भारतीय संघ व्यवस्था के लिए वित्तीय प्रबंधन पर ध्यान आकर्षित करवाया प्रोफ़ेसर अजय कुमार सिंह ने कहा कि भारत के पास दो वैक्सीन होना सौभाग्य की बात है 1 को रोना मत मारी लहर का मंत्र था मानव जीवन की रक्षा साथ ही साथ उन्होंने यह भी कहा कि स्ट्रांग इनिशिएटिव पहले लहर में लिया गया था लेकिन दूसरी लहर में अनेक चुनौतियां सामने आ गई उन्होंने कहा कि उन क्षेत्रों में निवेश करें जहां अधिक नकदी है इस महामारी से छुटकारा पाने और जरूरत पड़ने पर जल्द से जल्द लिक्विड गैस प्राप्त करने की तरकीब और उपाय भी सुझाए उन्होंने यह भी बताया कि दूसरी महामारी की लहर में इकोनामी के दृष्टिकोण से सेनिर्णय लिया गया थर्डवेव में हमारा वित्तीय प्प्रबंधन क्या होगा यह चिंतनीय है साथ ही साथ सप्लाई चैन की भी बहुत बड़ी समस्या उभरकर कर आई है जिसका निदान किया जाना आवश्यक है इस सेशन का संचालन डॉक्टर सुमोना भट्टाचार्य जी द्वारा किया गया। कार्यक्रम का अगला पड़ाव टेक्निकल सेशन वन था जिसमें कुल 9 प्रतिभागियों ने अपना प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया । मुख्य वक्ता प्रोफेसर आशीष कुमार माथुर, डॉ के के भंडारी तथा अध्यक्ष डॉक्टर एचएल अग्रवाल जी थे जिन्होंने बताया कि एमएसएमई सेक्टर में भी सीएसआर की व्यवस्था की जानी चाहिए ताकि ऐसी आपदाओं के समय मजदूरों को सहयोग किया जा सके अंत में कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन विश्वविद्यालय के सहायक प्राध्यापक गौरव साहू ने दिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉक्टर श्रीमती महेंद्र मेहता, मनोज मिंज, उज्जवल गोस्वामी एवं सौरभ पांडे ने योगदान दिया।