आयुर्वेद के अनुसार सुबह उठकर जरूर करने चाहिए ये 7 काम, कब्ज से लेकर गंजेपन का हो जाएगा इलाज

आयुर्वेद विशेषज्ञों के अनुसार, सुबह जल्दी उठकर की गई कुछ गतिविधियां न केवल हमारे शरीर को स्फूर्ति देती हैं बल्कि दिमाग को उत्तेजित कर दिनभर के लिए भी हमें तैयार करती हैं।

आप अपने दिन की शुरूआत कैसे करते हैं। क्या वाकई यह आपकी हेल्थ के लिए ठीक है। आयुर्वेद कहता है कि आपको अपने दिन की शुरूआत सकारात्मक रूप से करनी चाहिए। अपनी सुबह को ऊर्जावान बनाने के लिए जीवनशैली की कुछ आदतों को अपनाना बहुत जरूरी है। आयुर्वेद के अनुसार, सुबह की कुछ गतिविधियां हैं, जिन्हें स्वस्थ जीवन जीने के लिए जरूरी माना गया है।

‘दिनाचार्य’ नामक ये अभ्यास शरीर को न केवल आवश्यक ऊर्जा देता है, बल्कि हमें भीतर से शुद्ध करने के लिए भी बहुत अच्छा है। तो चलिए यहां जानते हैं सुबह की ऐसे 7 गतिविधियां , जिन्हें करने से पाचन, अवशेाषण के साथ शांति और खुशी का अनुभव जरूर होगा।

​विषाक्त पदार्थों को निकालें

आयुर्वेद की मानें, तो सबह-सुबह सबसे पहले विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए मल त्याग करना चाहिए। हालांकि हर दिन एक समय पर शौचालय जाने के बाद पानी मल त्याग को नियंत्रित करने में मदद करता है। निकासी के बाद गुदा छिद्र को गर्म पानी से धोएं और हाथों को साबुन से ।
​जीभ को खुरचें

आयुर्वेद के अनुसार, जीभ को धीरे से खुरचने से उसे साफ करने में मदद मिलती है। यह आंतरिक अंगों को उत्तेजित करता है बल्कि पाचन में मददगार है और मृत बैक्टीरिया को हटाने के लिए बहुत जरूरी है।आप इसे दो तरीके से कर सकते हैं। आप चाहें, तो जीभ खुरचनी से या फिर चम्मच की मदद ले सकते हैं। जीभ को धीरे से पीछे से सामने की तरफ कम से कम 7 से 14 बार खुरचना चाहिए।

​खुद करें सिर की मालिशआयुर्वेद में दैनिक जीवन के तनावों से मन और शरीर को ठीक करने के लिए सेल्फ मसाज जरूरी है। इसमें अभ्यंग एक तेल मालिश है, जो आप कर सकते हैं। माना जाता है कि गर्म तेल को शरीर और सिर पर मलने से सिरदर्द, गंजेपन के अलावा इलाज होता है। इसके अलावा बालों का झडऩा भी रूक जाता है। अभ्यंग मांसपेशियों और जोड़ों की ताकत और लचीलेपन को बढ़ाते हुए शरीर में ब्लड सकुर्लेशन को बढ़ाने में मददगार है।

व्यायाम करें

नियमित व्यायाम खासतौर से योग सहनशक्ति में सुधार करता है। व्यायाम करने से सभी तरह की मांसपेशियां एक्टिव हो जाती हैं। आयुर्वेद के मुताबिक, सूर्य नमस्कार इसके लिए आदर्श शुरूआत है। इसे नियमित रूप से अपनी आधी क्षमता तक करने से आप दिनभर में ऊर्जा का सही इस्तेमाल कर पाएंगे।

​सांस लें और ध्यान करें

सुबह- सुबह जल्दी उठकर सांस, मन और भावनाओं के जरिए सूक्ष्म विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालना एक अन्य गतिविधि है। आयुर्वेद चिकित्सा के तहत ध्यान दिमाग को संतुलन में लाने के लिए जरूरी उपकरण है । हर किसी को इसका नियमित रूप से इसका अभ्यास करना चाहिए।
​आयुर्वेदिक चाय का सेवन करेंअपने दिन की स्वस्थ शुरूआत करने का बेहतर तरीका है हर्बल चाय पीना। वैसे आमतौर पर लोग साधारण चाय पीते हैं, लेकिन किसी भी पाचक विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए नींबू की चाय, अदरक की चाय यहां तक की सौंफ की चाय का सेवन अच्छा है।

आप चाहें तो आयुर्वेदिक चाय का विकल्प भी चुन सकते हैं। ये तीन प्रकार की होती है। वात, पित और कफ। ये चाय अलग-अलग जड़ी-बूटियों और तत्वों से बनी होती है। यह न केवल शरीर को डिटॉक्सीफाई करती है बल्कि इसे शुद्ध करने के लिए भी काफी पॉपुलर है।

​सुबह पानी पीएं

सुबह उठते ही एक गिलास पानी पीएं। इसके लिए एक तांबे के कप में रातभी पानी भरकर रख दें और सुबह उठकर इसे पीएं। यह किडनी को फ्लश करने का सबसे अच्छा तरीका है। दिन की शुरूआत चाय या कॉफी से करना अच्छा नहीं है, क्योंकि इससे किडनी की एनर्जी लगभग खत्म हो जाती है और कब्ज की शुरूआत होने लगती है।

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