अचानकमार टाईगर रिजर्व क्षेत्र में मृत पाये गये गौर की हुई थी स्वाभाविक मृत्यु

बिलासपुर. वन परिक्षेत्र के बफर जोन में मृत पाये गये गौर के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में स्वाभाविक मृत्यु होना पाया गया है। शव विच्छेदन के समय मृत गौर के शरीर पर किसी प्रकार के कटे या जले होने का निशान नहीं था। उसके आमाशय में पर्याप्त मात्रा इनजेस्टेड फूड पाया गया। पोस्टमार्टम पश्चात् तीन सदस्यीय चिकित्सक दल द्वारा अभिमत दिया गया कि अधिक उम्र होने के कारण गौर की स्वाभाविक मृत्यु हुई है। परिक्षेत्र अधिकारी कोटा बफर को कल 21 मार्च को लगभग 04 बजे क्षेत्र के वनरक्षक द्वारा सूचना दी गई कि एक नर इण्डियन गौर कक्ष क्रं. आर.एफ. 180 स्थित तालाब के ऊपर की ओर जंगल में मृत अवस्था में मिला है। इस सूचना के आधार पर परिक्षेत्र अधिकारी कोटा बफर द्वारा अन्य क्षेत्रीय कर्मचारियों के साथ उक्त स्थल का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में प्रथम दृष्टतया बडे आकार का नर इण्डियन गौर मृत अवस्था में पाया गया। आस पास के क्षेत्र में किसी प्रकार की कोई शिकार से संबंधित औजार, तार इत्यादि नहीं पाया गया। उक्त कक्ष में कोई हाईटेंशन विद्युत लाईन नहीं हैं, तथा परिक्षेत्र अधिकारी के प्रांरभिक जाॅच में संदेहास्पद स्थिति नहीं देखी गई। शाम हो जाने के कारण कल पोस्टमार्टम नहीं किया गया तथा गौर की सुरक्षा हेतु कर्मचारी तैनात कर दिया गया था। आज 22 मार्च 2021 को डाॅ. प्रमोद नामदेव, पशु चिकित्सक लोरमी, डाॅ. स्मिता प्रसाद, पशु चिकित्सक कानन पेण्डारी(जू) बिलासपुर एवं डाॅ. पूनम पटेल, पशु चिकित्सक अचानकमार टाईगर रिजर्व की तीन सदस्यीय टीम द्वारा क्षेत्र संचालक अचानकमार टाईगर रिजर्व, उप निदेशक, सहायक संचालक लोरमी की उपस्थिति में शव विच्छेदन किया गया। उक्त प्रकरण की विस्तृत जांच एवं पोस्टमार्टम में लिये गये हार्ट, लीवर एवं लंगस के विसरा जांच हेतु नाना देशमुख वेटनरी र्साइंस यूनिवर्सिटी को प्रेषित किया गया है। जिसकी रिपोर्ट प्राप्त कर पुनः प्रकरण की सूक्ष्मता से विस्तृत जांच की जायेगी। क्षेत्र संचालक अचानकमार टाईगर रिजर्व, उप निदेशक, सहायक संचालक लोरमी की उपस्थिति में मृत गौर का दाह संस्कार कर दिया गया है। उप निदेशक अचानकमार टाईगर रिजर्व लोरमी ने बताया कि अचानकमार टाईगर रिजर्व के वनक्षेत्रों के अंदर आज की स्थिति में 375 वाटर बाॅडी है एवं 280 छोटे-बड़े नाले है। जिसमें प्राकृतिक रूप से पानी का प्रवाह मार्च महिने में भी बना हुआ है। वहीं लगभग 40-50 छोटे-बड़े चारागाह क्षेत्र अचानकमार टाईगर रिजर्व के अंदर उपलब्ध है। वन अधिकारियों के प्रारंभिक जांच से यह प्रतीत होता है कि अचानकमार टाईगर रिजर्व में पर्याप्त मात्रा में भोजन एवं पानी उपलब्ध है। गौर की मृत्यु जिस स्थान पर हुई वहां से लगभग 50 मीटर की दूरी पर तालाब है, जिसमें अभी पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध है। निरीक्षण में पाया गया कि चीतल, बायसन, भालुओं के उस स्थान पर विचरण के अप्रत्यक्ष प्रमाण पर्याप्त मात्रा में है। इससे स्पष्ट है कि वन जीवों का विचरण उन क्षेत्र में है तथा गौर की मृत्यु भोजन एवं पानी की अनुपलब्धता के कारण नहीं हुई है और न ही शिकार से संबंधित औजार, तार एवं अन्य किसी प्रकार की संदेहास्पद स्थिति पायी गई।

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