आदर्श योग आध्यात्मिक केन्द्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय किडनी दिवस जागरूकता अभियान के रुप में मनाया गया
भोपाल. आदर्श योग आध्यात्मिक केन्द्र स्वर्ण जयंती पार्क कोलार रोड भोपाल द्वारा अंतर्राष्ट्रीय किडनी दिवस जागरूकता अभियान के रुप में मनाया गया | योग गुरु महेश अग्रवाल एवं मधुमेह मुक्त भारत अभियान के राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रचारक डॉ नरेंद्र भार्गव ने इस अवसर पर कहा कि व्यक्ति प्राकृतिक चिकित्सा एवं नियमित योग अभ्यास हस्त मुद्रा योग से किडनी रोग से छुटकारा प्राप्त कर सकता है |
किडनी हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। ये खून से विषैले तत्व और शरीर से अनावश्यक पानी को युरिन के माध्यम से शरीर के बाहर निकाल देती हैं, इसलिए अगर किडनियां सही ढंग से काम ना करें तो सेहत बिगड़ने लगती है। देश में हर साल लाखों लोग किडनी की बीमारियों की वजह से जान गंवा बैठते हैं। इसका सबसे खतरनाक पहलू यह है कि किडनी की बीमारी का पता तब चलता है, जब किडनियां 60 से 65 प्रतिशत तक डैमेज हो चुकी होती हैं, इसलिए सावधानी ही इससे बचने का सबसे बेहतर तरीका है। 11 मार्च को हर साल वर्ल्ड किडनी डे सेलिब्रेट किया जाता है।
वर्ल्ड किडनी डे’ की शुरुआत 2006 में इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ नेफ्रोलॉजी (ISN) और इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ किडनी फाउंडेशन की ओर से 66 देशों में की गई थी। इस बार ‘वर्ल्ड किडनी डे’ की थीम ‘किडनी हेल्थ फॉर एव्रीवन एव्रीवेयर’ लिविंग वेल विद किडनी डिसीज है। यानी ‘किडनी रोग के साथ अच्छी तरह से रहना है’। गुर्दा रोग (किडनी) में योग के ये अभ्यास उपयोगी रहते है, सूर्य नमस्कार, सर्वांगासन, शीर्षासन एवं उसका समूह, हलासन, पश्चिमोत्तानासन, उष्ट्रासन, शलभासन, धनुरासन, अर्ध नौकासन, मत्स्येन्द्रासन, भुजंगासन, हनुमानासन, कपोतासन। रेग्यूलर एक्सरसाइज करने से स्वास्थ्य काफी अच्छा रहता है। इससे हम बहुत सी बीमारियों से अपना बचाव कर पाते हैं। ब्लड प्रेशर और हार्ट हेल्थ ये दोनों ही किडनी डिजीज के जोखिम कारक हैं और नियमित रूप से एक्सरसाइज, वर्कआउट या फिजिकल एक्टिविटी करते रहने से ये समस्याएं नहीं होती। वॉकिंग, रनिंग, साइक्लिंग, स्विमिंग या डांसिंग इनमें से कोई भी फिजिकल एक्टिविटी करने से बॉडी काफी एक्टिव रहती है।
डायबिटीज को कंट्रोल में रखें जब खून में मौजूद ग्लूकोज का इस्तेमाल शरीर की कोशिकाएं नहीं कर पाती हैं तो खून को फिल्टर करने के लिए किडनी को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है जिससे किडनी का काम बढ़ जाता है और किडनी को नुकसान होने लगता है। ऐसे में किडनी डैमेज से बचने के लिए ब्लड शुगर को कंट्रोल करना बेहद जरूरी है। ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रखें हाई ब्लड प्रेशर यानी हाई बीपी की वजह से भी किडनी डैमेज होने का खतरा बना रहता है। इसका कारण ये है कि अगर लंबे समय तक बीपी कंट्रोल न हो पाए तो किडनी और उसके आस पास मौजूद धमनियां कमजोर और संकुचित होने लगती हैं जिस वजह से पर्याप्त खून किडनी के टिशूज तक नहीं पहुंच पाता है। साथ ही किडनी की धमनियां जो डैमेज हो चुकी हैं वह खून को ठीक से फिल्टर नहीं कर पातीं जिससे किडनी की बीमारी हो सकती है। पानी, न कम न ज्यादा, नमक की सीमित मात्रा, व्यायाम का नियम, वज़न नियंत्रण, पेन किलर्स से बचे, धूम्रपान ना करें, पानी युक्त फलों का सेवन करें |
हस्त मुद्रा किडनी की समस्या रोगी की शारीरिक क्षमता और भूख को कम कर देती है और पीड़ित व्यक्ति की उम्र भी सामान्य से कम हो जाती है। किडनी मुद्रा का अभ्यास इसमें उपयोगी है। अनामिका और कनिष्ठा को मोड़कर अंगूठे की जड़ में लगाएं। अब उस पर अंगूठे से हल्का दबाएं। जल तत्व सुरभि मुद्रा में अंगूठे को कनिष्ठका की जड़ में लगाकर शेष तीनों अंगुलियों को सीधा रखें |