February 18, 2021
अक्षर साहित्य परिषद एवं महादेवी महिला साहित्य समिति ने मनाया वसंतोत्सव
चांपा. जहां जीवन उत्सव मनाता हो जहां जीवन खिलता हो वहां वसंत है |जीवन के उत्सव में जीवन के रस में जीवन के छंद में संगीत में उसे देखने की क्षमता जुटाना ही वसंतोत्सव मनाना है। उपरोक्त विचार अक्षर साहित्य परिषद एवं महादेवी महिला साहित्य समिति के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित पंडित सूर्यकांत त्रिपाठी निराला भगवती सरस्वती जयंती एवं वसंत पंचमी समारोह के अवसर पर डॉ रमाकांत सोनी ने व्यक्त किए ।
इस अवसर पर अपने संबोधन में महादेवी महिला साहित्य समिति की अध्यक्ष श्रीमती सुशीला सोनी ने कहा वसंत पंचमी ऋतु के सुखद परिवर्तन का एक रूप है और यह प्रकृति के नए श्रृंगार का पर्व है परिषद के संरक्षक कैलाश चंद्र अग्रवाल ने वसंत पंचमी एवं सरस्वती जयंती पर पौराणिक आख्यान के द्वारा प्रकाश डालते हुए वर्तमान में जीने का संदेश देते हुए कहा की ना राज है जिंदगी, ना नाराज है जिंदगी, बस जो है वह आज है जिंदगी। कार्यक्रम के अध्यक्ष शशि भूषण सोनी ने कहा कि मां सरस्वती हम सबकी आराध्या हैं उनके हाथों में वेद और वीणा है जिसमें संपूर्ण अस्तित्व का सृजन सृजनात्मक राग है ।
कार्यक्रम का आरंभ मंच अतिथियों द्वारा मां सरस्वती एवं महाप्राण निराला की प्रतिमा समक्ष दीप प्रज्वलन एवं पूजन अर्चन से हुआ पश्चात कुमारी साक्षी कटकवार ने सरस्वती वंदना एवं भजन अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे शास्त्रीय राग में प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के दूसरे दौर में राधिका सोनी ने उड़ उड़कर अंबर से जब धरती पर आता है देख के कंचन बाग को भंवरा अब मुस्काता है को लोगों ने काफी पसंद किया ।श्रीमती अन्नपूर्णा सोनी ने अपने देश भक्ति गीत वंदे मातरम वंदे मातरम बस वंदे मातरम गाते हैं। मिट्टी से तिलक करें हम इस पर शीश झुकाते हैं की सुंदर प्रस्तुति की। संजू महंत ने हंस वाहिनी ज्ञान दायिनी ज्ञान का भंडार दे शारदे वरदान दे सुना कर वातावरण को मंत्रमुग्ध किया वही सविता कोसे की रचना भगवान कहां है वंदे मातरम के गान में सीमा पर खड़े जवान में मुझे भगवान नजर आते हैं सुना कर वाहवाही लूटी इसके अलावा यज्ञ नारायण सोनी लक्ष्मी प्रसाद सोनी आशा सोनी मधु गुप्ता उमा सोनी व अनंत थवाईत ने अपनी रचनाओं से उपस्थित श्रोताओं को आनंदित किया कार्यक्रम का संचालन सचिव महावीर सोनी एवं आभार अनंत थवाईत ने किया।