अमित शाह नक्सलवाद पर राजनीति कर रहे – कांग्रेस

रायपुर। नक्सलवाद के मामले में देश के गृह मंत्री अमित शाह ने राजनैतिक विद्वेष के कारण गलत बयानी किया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री को गलत बयानी शोभा नहीं देती। जब कांग्रेस की सरकार थी तब अपने हर दौरे में वे नक्सल नियंत्रण के मामले में भूपेश सरकार की तारीफ करते थे। आंकड़े बताते है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार के दौरान नक्सली घटनाओं में कमी आई थी। स्वंय अमित शाह ने छत्तीसगढ़ में आकर 5 अप्रैल 2021 को मीडिया में बयान दिया था कि राज्य की भूपेश सरकार और केन्द्र सरकार ने मिलकर नक्सलवाद को पीछे खदेड़ दिया है। राज्य में नक्सली घटनाओं में 80 प्रतिशत तक की कमी आई है। अमित शाह के सामने आरपीएफ के डीजीपी ने कहा था छत्तीसगढ़ में नक्सलवादी पैकअप की ओर है। आज गृहमंत्री की कांग्रेस सरकार के प्रयासो पर ऊंगली उठा रहे।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कांग्रेस की सरकार बनने के बाद विश्वास विकास सुरक्षा के मूल मंत्र से नक्सलवादी घटनाओं और नक्सलवाद पर कमी आई थी। कांग्रेस की सरकार के समय दूरस्थ क्षेत्रों में कैंप बनाये गये पहुंच मार्ग बनाये गये। अबूझमाड़ में दो पुल बनाया गया। 300 से अधिक स्कूलों को खोला गया, राशन दुकान, अस्पताल खोला गया, 67 से अधिक वनोपजों की खरीदी की गयी। लोगो का भरोसा सरकार और सुरक्षा बलो के प्रति बढ़ा था। नक्सलवाद पर प्रभावी नियंत्रण हुआ था। 600 से अधिक गांव नक्सल मुक्त हुये थे, नक्सली केवल बीजापुर के कुछ ब्लाक और अबूझमाड़ तक सिमट गये थे।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि राजधानी में मिल रहे नक्सलियों के बारे में अमित शाह मौन क्यों है? जंगल से निकलकर नक्सली प्रदेश की राजधानी में ठिकाना बना रहे है। क्या इसी प्रकार मार्च 26 तक अमित शाह नक्सलवाद समाप्ति का दावा करते है? जब रमन सरकार थी तब 15 सालों में नक्सलवाद बस्तर के तीन ब्लाकों से निकलकर 14 जिलों तक पहुंच गया था। साय सरकार के दो सालों में जंगल से निकलकर नक्सलवाद राजधानी और शहरी क्षेत्रों में पहुंच गया है। भाजपा के नेता सिर्फ बयान वीर बने हुये है।