अपोलो जीनोमिक्स: 11,000 कंसल्टेशन का ऐतिहासिक पड़ाव

जेनेटिक टेस्टिंग को सुलभ बनाने की दिशा में अपोलो की पहल
मुंबई /अनिल बेदाग: अपोलो हॉस्पिटल्स समूह ने स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांति की दिशा में एक और मील का पत्थर हासिल किया है। देशभर में स्थापित अपोलो जीनोमिक्स इंस्टिट्यूट्स ने अब तक 11,000 से अधिक जीनोमिक कंसल्टेशन और उनके प्रबंधन पूरे कर लिए हैं। यह उपलब्धि न सिर्फ़ जीनोमिक्स को क्लिनिकल हेल्थकेयर की मुख्यधारा में जोड़ने का प्रतीक है, बल्कि मरीजों को जागरूक करने और आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर स्वास्थ्य भविष्य गढ़ने की दिशा में बड़ा कदम भी है।
भारत में 4,000 से अधिक जातीय समूहों और व्यापक अंतर्विवाह की परंपरा के कारण बीमारी के पैटर्न को समझना चुनौतीपूर्ण है। ऐसे में अपोलो का जीनोमिक्स पर निवेश निवारक और व्यक्तिगत चिकित्सा में कमियों को दूर कर रहा है।
सिने-अभिनेत्री सोहा अली खान ने कहा, “सच्चा स्वास्थ्य सिर्फ़ रोगों से मुक्त होना नहीं है, बल्कि सही जानकारी और सजगता में निहित है। जीनोमिक्स हमें हमारे जेनेटिक जोखिमों को पहले से जानने और हर व्यक्ति की ज़रूरत के अनुसार देखभाल सुनिश्चित करने की शक्ति देता है। यह सफलता तभी सार्थक होगी जब इसका लाभ हर समुदाय और हर परिवार तक पहुँचे।”
डॉ. प्रीता रेड्डी, वाइस चेयरपर्सन, अपोलो हॉस्पिटल्स ने कहा, “11,000 से अधिक जीनोमिक कंसल्टेशन पूरे करना इस बात का प्रमाण है कि क्लिनिकल अभ्यास में जेनेटिक इनसाइट्स किस तरह बदलाव ला रहे हैं। हमारा लक्ष्य है कि जीनोमिक टेस्टिंग को सभी के लिए सुलभ बनाया जाए और इसे मानक स्वास्थ्य सेवा का हिस्सा बनाया जाए।”
डॉ. अनुपम सिब्बल, ग्रुप मेडिकल डायरेक्टर, अपोलो हॉस्पिटल्स ने जोड़ा, “जेनेटिक्स बीमारियों की गहराई को समझने की कुंजी है। यह उपलब्धि दर्शाती है कि अपोलो मरीज़ों को व्यापक जेनेटिक टेस्टिंग, परामर्श और व्यक्तिगत उपचार उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारी विशेषज्ञ टीम शोध, शिक्षा और मरीज देखभाल को लगातार आगे बढ़ा रही है।”

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