November 23, 2024

क्‍या आपकी जिंदगी में भी हो रहीं हैं ऐसी बुरी घटनाएं? अशुभ मंगल है वजह, ऐसे करें चेक

नई दिल्‍ली. ज्‍योतिष में बताए गए ग्रह-नक्षत्रों का सीधा असर हमारी जिंदगी पर होता है. यदि ये ग्रह अशुभ हों तो बुरा फल देते हैं और यदि शुभ हों तो अच्‍छा फल देते हैं. हर ग्रह जिंदगी के किसी न किसी पहलू से संबंधित होता है और उस पर अच्‍छा-बुरा असर डालता है. इन ग्रहों में मंगल भी बहुत अहम है और यदि यह कुंडली में गलत जगह पर बैठ जाए तो बहुत परेशानियां देता है. लाल किताब में अशुभ मंगल की पहचान करने के कुछ तरीके बताए गए हैं.

ये हैं अशुभ मंगल की निशानियां 

मंगल ग्रह यदि अशुभ हो तो इसके संकेत जिंदगी में दिखने लगते हैं. साथ ही इसके अशुभ होने पर जल्‍द से जल्‍द बचाव के उपाय भी कर लेने चाहिए. वरना अशुभ मंगल जिंदगी में बड़े नुकसान करा सकता है. लाल किताब के अनुसार यदि मंगल अशुभ हो तो जातक को कई तरह की शारीरिक समस्‍याएं होने लगती हैं. इसके अलावा आर्थिक नुकसान भी होने लगते हैं. इन समस्‍याओं और नुकसानों की प्रवृति से ही मंगल के अशुभ होने का पता चलता है.

होती हैं ये बीमारियां

हाई ब्‍लड प्रेशर, वात रोग, आर्थराइटिस, बार-बार पिंपल्‍स होना या हमेशा पिंपल्‍स का रहना अशुभ मंगल की निशानियां हैं. इसके अलावा मंगल का नकारात्‍मक असर बढ़ने पर व्‍यक्ति की शारीरिक क्षमता भी कम होने लगती है. एक आंख की नजर कम होना, खून से जुड़ी बीमारियां या संतान प्राप्ति में समस्‍या भी मंगल के कमजोर होने की निशानी है.
वहीं मंगल ग्रह की अशुभता जमीन-संपत्ति संबंधी नुकसान भी कराती है क्‍योंकि मंगल जमीन के कारक ग्रह हैं. इसमें घर का कोई हिस्‍सा अचानक टूट जाना, पूजा-पाठ के दौरान हवन की अग्नि न जलना या बार-बार बुझना, कीमती वस्‍तु का खो जाना शामिल है.

इन चीजों से बचें

मंगल के नकारात्‍मक असर से बचने के लिए घर के पश्चिम कोण को साफ रखें. नॉनवेज-शराब से बचें, हनुमान जी की भक्ति करें. उन्‍हें चोला चढ़ाएं, हनुमान चालीसा पढ़ें. बंदरों को गुड़-चना खिलाएं. मसूर की दान दान करें. गुस्‍सा करने से बचें.

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