शुभ चिंतन, उपवास, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा थायराइड का रामबाण इलाज : योग गुरु महेश अग्रवाल

भोपाल. आदर्श योग आध्यात्मिक योग केंद्र  स्वर्ण जयंती पार्क कोलार रोड़ भोपाल के संचालक योग गुरु महेश अग्रवाल कई वर्षो से निःशुल्क योग प्रशिक्षण के द्वारा लोगों को स्वस्थ जीवन जीने की कला सीखा रहें है वर्तमान में भी ऑनलाइन माध्यम से यह क्रम अनवरत चल रहा है | वर्तमान कोविड 19 महामारी में भी हजारों योग साधक अपनी योग साधना की निरंतरता से विपरीत परिस्थितियों में भी स्वयं स्वस्थ एवं सकारात्मक रहते हुए सेवा के कार्यों में लगे है | योग गुरु अग्रवाल ने कहा कि थायराइड स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता हेतु अभियान और थायराइड रोगों के उपचार के बारे में शिक्षित करने के लिए हर साल 25 मई को विश्व थायराइड दिवस मनाया जाता है।

आजकल  थायराइड  रोग आम होता जा रहा है। इसमें सबसे प्रमुख वजह है, प्रदूषण, कीटनाशक का सब्जियों और फसलों में प्रयोग, दवाओं के साइड इफ़ेक्ट, बेवजह आयोडीन युक्त नमक का प्रयोग, तनाव एवं अनियमित जीवनशैली, जंक फूड का अत्यधिक सेवन। अधिकांश को थायराइड की समस्या किसी अन्य बीमारी के समय होने वाली जांच से पता चलती है। यह पुरुषों की तुलना में महिलाओं को कई गुना अधिक होती है। थायराइड से पीड़ित महिलाओं को मोटापा, तनाव, अवसाद, बांझपन, कोलेस्ट्राल, आस्टियोपोरोसिस आदि परेशानियां हो सकती हैं।
*थायराइड क्या है* – थायराइड शरीर का एक प्रमुख एंडोक्राइन ग्लैंड है जो तितली या कांचनार की पत्ती के आकार की होती है एवं गले में स्थित है। इसमें से थायराइड हार्मोन का स्राव होता है जो हमारे मेटाबॉलिज्म (चयापचय) की दर को संतुलित करता है। थायराइड हार्मोन के कम या ज्यादा स्त्राव होने से अनेक शारीरिक परेशानियां होती हैं। थायराइड की समस्या भी दो प्रकार की होती है, पहली हाइपोथायराडिज्म एवं दूसरी हायपरथायराडिज्म ।

हाइपोथायराडिज्म में थायराइड ग्लैंड  कम सक्रिय होती है जिससे शरीर में आवश्यकता के अनुसार टी 3 व टी 4 हार्मोन नहीं पहुंच पाता है। इस बीमारी की स्थिति में वजन में अचानक वृद्धि हो जाती है जबकि भूख कम लगती है और ठंड बहुत महसूस होती है। कब्ज होने लगता है। आंखें सूज जाती हैं। नींद अधिक आती है। मासिक चक्र अनियमित हो जाता है। त्वचा सूखी व बाल बेजान होकर झड़ने लगते हैं। सुस्ती के साथ ही पैरों में सूजन व ऐंठन की शिकायत होती है। इनकी कार्यक्षमता कम हो जाती है। रोगी तनाव व अवसाद से घिर जाते हैं और बात-बात में भावुक हो जाते हैं। जोड़ों व मांसपेशियों में दर्द होता है। चेहरा सूज जाता है। आवाज रूखी व भारी हो जाती है।
हायपरथायराडिज्म में थायराइड ग्लैंड  बहुत ज्यादा सक्रिय हो जाती है और  टी 3, टी 4 हार्मोन अधिक मात्रा में निकलकर रक्त में पहुंचता है। इस स्थिति में वजन अचानक कम हो जाता है। अत्यधिक पसीना आता है। ये रोगी गर्मी सहन नहीं कर पाते। इनकी भूख बढ़ होती है। निराशा हावी हो जाती है। हाथ कांपते हैं और  आंखें उनींदी रहती हैं। धड़कन बढ़  जाती है। नींद नहीं आने की शिकायत  और दस्त होते हैं। मासिक रक्तस्त्राव ज्यादा एवं अनियमित हो जाता है। गर्भपात के मामले सामने आते हैं। थायराइड के दोनों प्रकार में रक्त  की जांच की जाती है। रक्त में टी  3 , टी 4 एवं टी एस एच लेवल में सक्रिय हार्मोन्स का लेवल जांच  किया जाता है।
योग गुरु अग्रवाल ने कहा कि थायराइड रोग निवारण के लिए योग विषेशज्ञ के मार्गदर्शन में योग अभ्यास करें |* योग करने से न सिर्फ शरीर स्वास्थ्य होता है, बल्कि मन भी शांत रहता है. योग कई बीमारियों से लड़ने के लिए फायदेमंद माना जाता है. थायराइड के लिए योग  काफी कारगर हो सकता है |थायराइड से बचाव के लिए सरल योग आसन, हस्त मुद्राएं, कुंजल क्रिया, शंख प्रक्षालन, ग्रीवा संचालन, एवं प्राणायाम, विपरीत करनी आसन, सर्वांगासन, मत्सयासन, हलासन योग का रोजाना अभ्यास आपको थायराइड से छुटकारा के साथ कमर दर्द और घुटनों के दर्द से भी राहत दिला सकता है*|थायराइड के लिए उपयोगी हस्त मुद्रा  शंख मुद्रा,उदान मुद्रा  भी बहुत उपयोगी है – थायराइड से बचने के लिए कुंजर क्रिया, शंख प्रक्षालन, सिंहासन और ग्रीवा चालन। उज्जायी प्राणायाम करें | हाई ब्लड प्रेशर, स्लिपडिस्क, स्पॉण्डिलाइटिस एवं हृदयरोगी अभ्यास धीरे धीरे करें |

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!