भ्रामक सूचनाओं से बचे : प्रतिभा मिश्रा
आज शासकीय कला एवं वाणिज्य कन्या महाविद्यालय देवेंद्र नगर में महाविद्यालय की आंतरिक मूल्यांकन गुणवत्ता प्रकोष्ठ के द्वारा मेंटल हेल्थ एंड वेल बीइंग: साइकोलॉजिकल काउंसलिंग ड्यूरिंग एंड पोस्ट कोविड विषय पर एक वेबीनार आयोजित किया गया। कार्यक्रम महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर अमिताभ बैनर्जी के कुशल मार्गदर्शन में किया गया। कार्यक्रम का संचालन आंतरिक गुणवत्ता मूल्यांकन प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ कविता शर्मा के द्वारा किया गया। कार्यक्रम की संयोजक डॉ मीना पाठक तथा सह संयोजक डॉ अंजना पुरोहित थी। कार्यक्रम का प्रारंभ डॉ शीला दुबे के द्वारा पूर्व में हुए जैव विविधता कार्यक्रम की सेल्फी के परिणामों के साथ हुआ। आज के कार्यक्रम के विषय का परिचय डॉ उषा किरण अग्रवाल विभाग अध्यक्ष मनोविज्ञान शासकीय दु ब स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय ने किया। उन्होंने बताया कि आज के वक्तव्य में मुख्य रूप से देखेंगे कि, वर्तमान महामारी में जहा सामाजिक एकाकीपन, सामाजिक अलगाव का सामना किया तो वर्क फ्रॉम होम का कल्चर भी हमने सीखा। महामारी के कारण सुरक्षा साधनों के अभाव में भय का वातावरण रहा। नकारात्मक विचारों से हम अपने आप को किस प्रकार बचा पाएंगे। कोरोना महामारी का सामना करने के बाद जो पत्रकार ,स्वास्थ्य कार्यकर्ता, तथा सभी फ्रंटलाइन वर्कर्स के स्वास्थ्य की चिंता करनी होगी। आज का युवा अनिद्रा मनोदशा विकृति चिंता विकृति का शिकार हो रहा है। सामाजिक एकांतवास होने से तनाव के लक्षण बढ़ रहे हैं, तनाव सहनशीलता कम हो गई है, साथ ही महामारी में कुछ परिवार में मृत्यु के कारण नवजात शिशु की पालन पोषण की समस्या भी आ रही है, बच्चों का संपूर्ण विकास नहीं हो पा रहा है। आज के वक्तव्य में हम यह देखेंगे कि किस प्रकार से वर्तमान समय में भी आशावादीता का संचार किया जा सकता है जिससे हमारे बच्चों की खुशियां वापस आ सके। आज के कार्यक्रम की मुख्य वक्ता प्रोफेसर प्रतिभा जे मिश्रा प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष “सोशल वर्क” गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर थी।उन्होंने बताया कि वर्तमान महामारी के समय किस प्रकार हम अनेक सामाजिक समस्याओं को देख रहे हैंl कालाबाजारी, भ्रष्टाचार आदि की समस्याओं के कारण लोक अपना मानसिक संतुलन खो दिए जा रहे हैं। तो हमें यह ध्यान रखना है कि हम किस प्रकार अपने मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाएं। निराशा को कम करें। छोटे-छोटे बदलावों से बड़े बदलाव होते हैं। वर्तमान महामारी के समय हमें सभी नियमों का पालन करते हुए अपनी सुरक्षा बनाए रखनी है। भ्रामक सूचनाओं से बचें। नकारात्मक सूचनाओं से स्वयं तथा परिवार ,समाज को बचाएं। स्वयं को खुश रखेंगे तो दूसरों को भी खुश रख पाएंगे। मानसिक स्वास्थ्य उन्नत करने के अनेक उपायों की चर्चा की। साथ ही व्यायाम ,प्राणायाम तथा संतुलित आहार , स्वस्थ दिनचर्या,की चर्चा की। उन्होंने बताया परिवार से जुड़कर ही सकारात्मकता बनी रह सकती है जिससे हम स्वस्थ समाज का निर्माण कर पाएंगे। सामाजिक दूरी सामाजिक अकेलापन नहीं है।कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अमिताभ बैनर्जी ने आज के कार्यक्रम में अपने पक्ष रखें। उन्होंने बताया कि आज के समय में हम सभी तनाव महसूस कर रहे हैं। भ्रामक सूचनाओं से नकारात्मकता भी बढ़ रही है। उन्होंने आज की समस्या में मुख्य रूप से आर्थिक पक्ष की भी चर्चा की कि हम वर्तमान समय में अनेक प्रकार की सहायता कर सकते हैं जिस प्रकार से जितनी मदद की जा सकती है अवश्य करें। उन्होंने बताया कि सकारात्मक अभिवृत्ति, दृढ़ इच्छाशक्ति तथा चिकित्सक की सलाह से उन्होंने स्वयं इस बीमारी को हराया। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में आशावादीता को मैक्सिमम तथा नकारात्मकता को मिनिमम रखें तभी अवसाद और मानसिक विकार से बच पाएंगे। सोशल मीडिया का सकारात्मक उपयोग करें, मौसमी फल ,संतुलित आहार ले तथा विश्वास रखें कि हम इसे शीघ्र ही बाहर आएंगे। अच्छे दिन अवश्य और शीघ्र आएंगे। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन श्रीमती रंजना पूजा यादव ने किया। आज के कार्यक्रम में मुख्य रूप से वरिष्ठ प्राध्यापक उषा अग्रवाल डॉ संध्या वर्मा, डॉ प्रीति पांडे, डॉ रंजना तिवारी, डॉ सुषमा तिवारी सहित अन्य महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ रेनू माहेश्वरी, डॉक्टर एम बी ठाकुर डॉ कविता दास आदि उपस्थित रहे।