कहानियों के जरिए मधुमेह के लिए जागरूकता कार्यक्रम

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वर्धा. भारत में मधुमेह के मरीजों की बढती संख्या को देखते हुए वर्ल्ड डायबिटीज फाउंडेशन और डेल्बर्ग मीडिया, यूएसएआईडी के सहयोग से 25 सितम्बर से जागरूकता कार्यक्रम शुरू किया गया. यह आयोजन 16 अक्टूबर तक जारी रहेगा। इस कार्यक्रम के तहत 50 सामुदायिक प्रतिनिधि तथा जानकार नए विचार व संदेशों वाली कहानियां सुनाकर डायबिटीज के उन्मूलन के लिए मुहिम चला रहे हैं। कार्यक्रम के तहत ऑनलाइन माध्यम से कहानियों और संदेशों के साथ बहुत ही रचनात्मक तरीके से इस जागरूकता कार्यक्रम से मधुमेह से पीड़ित लोगों को जोड़ा जा रहा है। कार्यक्रम की वरिष्ठ परामर्शदाता जूली ने एक विज्ञप्ति में बताया कि इस आनलाइन आयोजन में  बीमारी की रोकथाम के लिए नए और रचनात्मक विचारों को जगह दी जा रही है। द डायबिटीज स्टोरीटेलिंग लैब जागरूकता फ़ैलाने के उद्देश्य से स्टोरीटेलर्स और कम्युनिटी लीडर्स को यह मंच प्रदान कर रहा है, जिसके तहत मधुमेह से पीड़ित लोगों को ध्यान में रखकर कार्यक्रम को डिजाईन किया गया है। डेल्बर्ग मीडिया के निदेशक स्टिग टैकमन ने बताया कि स्थानीय कम्युनिटी लीडर्स और स्टोरीटेलर्स साथ मिलकर नए समाधान के साथ लोगों से जुड़कर लोगों को इस बीमारी के प्रति रचनात्मक तरीके से जागरूक कर रहे हैं।

बता दें कि भारत में 77 मिलियन लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं और ऐसे मरीजों के सबसे ज्यादा संख्या वाला भारत दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत में बढ़ रहे डायबिटीज से ग्रसित हर दो में से एक व्यक्ति अपनी स्थिति से अनजान है। यह भयावह स्थिति इस बीमारी को लेकर हो रही जागरूकता की कमी को दर्शाती है। अध्ययनों के मुताबिक अगले 25 वर्षों में 134 मिलियन भारतीय डायबिटीज से पीड़ित हो सकते हैं। वहीं कोविड-19 महामारी डायबिटीज के लिए बड़ी चुनौतियाँ पेश करता है। ऐसे मरीजों में प्रतिरोधक क्षमता कम होने की वजह से इनमें गंभीर जटिलताओं का खतरा ज्यादा होता है।

वर्ल्ड डायबिटीज फाउंडेशन बोर्ड के अध्यक्ष डा. अनिल कपूर बताते हैं कि कहानी सुनना और सुनाना वर्षों से भारतीय परंपरा से जुड़ा हुआ है। कहानियों के जरिये मानवीय मूल्यों और सामजिक मानदंडों को व्यक्त करने की भी परंपरा रही है कहानियों के जरिये वास्तविक जीवन में काफी कुछ सीखा जा सकता है। लोगों के बीच कहानीकार प्रेरित करने वाले संदेशों का सम्प्रेषण कर रहे हैं जो उनके आसपास की गतिविधियों से सम्बंधित हैं।

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