November 25, 2024

Banana for weight : वजन घटाने में रामबाण है इस टाइप का केला, मिल जाए तो मत छोड़ना

अगर आप शरीर में जमा अतिरिक्त चर्बी घटाने का प्रयास कर रहे हैं, तो ग्रीन केला बेस्ट है। इसमें मौजूद कम शुगर और अधिक स्टार्च आपको बहुत फ़ायदा पहुंचाता है।

केले सबसे ज़्यादा स्वास्थ्यप्रद कॉर्ब्स में से एक माने जाते हैं। ये पोटेशियम, मूड-रेग्युलेटिंग फ़ोलेट, ट्रिप्टोफै़न और एनर्जाइजिंग कार्ब्स का बेहतरीन स्त्रोत भी होते हैं। इसलिये ये वज़न घटाने में भी काफ़ी मददगार हैं। हालांकि, केला मोटापा कम करने में तभी सहायक है, जब आप इसे सही तरीके से खाएंगे।

अगर ऐसा नहीं किया, तो ये आपके लिए फायदेमंद साबित नहीं होगा। आपको बता दें कि केले के पकने का प्रत्येक चरण कई कमियां और लाभ देकर गुज़रता है। इसलिये आज हम आपको सही केले के सेवन का बेस्ट तरीक़ा बताएंगे, ताकि जो लोग वजन घटाने का प्रयास कर रहे हैं वो सफ़ल हो पाएं।

पीला केला माना जाता है अच्छा विकल्प

आप वज़न घटाने की कोशिश रहे हो या नहीं, पीला केला सभी के लिये एक बेहतर ऑप्शन है। किसी भी तरह के केले की तुलना में पीला केला अधिक फ़ायदेमंद होता है।

अगर कोई इंसान पीले केले का सेवन करता है, तो वो उसके सभी लाभों को प्राप्त करने में सक्षम होता है। इस तरह से उसे ताक़त भी मिलती है, पाचन क्रिया भी सही रहती है और अगर हमारा पेट सही रहा, तो वज़न अपने आप घटने लगेगा । (फोटो साभार: istock by getty images)

ओवररिप केला (ब्राउन केला)

अगर घर में केला अधिक दिन तक बाहर रखा जाये, तो गलने लगता है। केले की ऊपरी परत ब्राउन होने लगती है। इसलिये उसे ब्राउन केला कहा जाता है। रिपोर्ट के अनुसार, एक ओर जहां पीले केले में 6.35 ग्राम स्टार्च पाया जाता है, वहीं ब्राउन केले में इसका स्तर 0.45 ग्राम तक नीचे चला जाता है।

पीले केले में 3.1 ग्राम फाइबर पाया जाता है, जो कि हमारी पाचन क्रिया के लिए काफ़ी फ़ायदेमंद होता है। अगर बात करें ब्राउन केले की, तो उसमें 1.9 ग्राम फाइबर होता है। एक अध्ययन के अनुसार, डायबटीज़ के मरीज़ों के लिये केला उतना हानिकारक नहीं है, जितना कि ब्राउन केला।

वजन घटाने के लिये सबसे अधिक फ़ायदेमंद है ग्रीन केला

कई शोधकर्ताओं के मुताबिक, ग्रीन केले में ब्राउन केले की तुलना में शुगर कम और प्रतिरोध स्टार्च ज़्यादा पाया जाता है। कहते हैं कि प्रतिरोध स्टार्च पाचन के लिये सबसे अधिक फ़ायदेमंद माना जाता है, क्योंकि ये पेट में मौजूद किसी भी तरह के एंजाइमों द्वारा तोड़ा नहीं जा सकता है। इस तरह से इसे खाने के बाद आपको लंबे समय तक भूख नहीं लगती है।

इसलिये अधिकतर डायटिशियन और डॉक्टर्स आपको ग्रीन केला खाने की सलाह देते हैं। अगर आप इसे कच्चा नहीं खा सकते, तो इसकी स्मूदी बना कर पी सकते हैं। इसके साथ ही अगर स्मूदी नहीं बनाना चाहते, तो इसकी सब्ज़ी भी बना सकते हैं।

​अगर ग्रीन केला नहीं खा सकते तो?

अगर आप ग्रीन केला नहीं खाना चाहते हैं, तो आपका अगला टारगेट पीला केला यानि पका हुआ केला होना चाहिये। पीला केला आप एक्सरसाइज़ करने से पहले या बाद में खा सकते हैं।

वहीं अगर ब्राउन केले की बात की जाये, तो कई चीज़ों की अपेक्षा में अधिक फ़ायदेमंद है। यानि ये हमारी हेल्थ के लिये उतना भी नुकसानदायक नहीं है, जितना लगता है।

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