शादी समारोहों में बजने लगा बैंड बाजा


बिलासपुर/अनिश गंधर्व. शादी समारोहों में लॉकडाउन का पालन कराने बैंड बाजा सहित ढोल तासों पर जिला प्रशासन ने प्रतिबंध लगा दिया था। सीमित बरातियों के साथ शादी समारोह की अनुमति दी गई थी, जिसके चलते दुल्हा-दुल्हन दोनों में मायूसी छाई रही। विवाह के बंधन में बंधने के लिये सरकारी नियमों का करना जरूरी हो गया था इसलिये लोग अपनों की शादी में नहीं जा सके और भयमय वातावरण में विवाह संपन्न कराया गया। प्रशासनिक छूट मिलते ही फिर से बैंड बाजे की धून में घराती व बराती थिरकने लगे हैं।

हालांकि अभी भी कोरोना संक्रमण का खतरा बना हुआ है। विवाह योग्य युवक युवतियों की शादी छह माह साल भर से लटका हुआ है। लग्न के हिसाब से फिर से विवाह समारोह का दौर शुरू हो गया है। जिला प्रशासन ने बैंडबाजा वालों को छूट दे दी है। पूरे समय  बैंड बाजा संचालकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। रोजी-रोटी के लिये दर-दर भटकना पड़ा। शादी समारोह में छूट मिली तो अब लग्न नहीं रह गया है। बैंड वालों को एक-दो आर्डर हाथ लग रहे हैं। शहर के गलियों में अब फिर से बैंड बाजा नजर आने लगा है। वहीं विवाह करने वाले परिवार के लोगों ने भी राहत की सांस ली है। लोग लगा हुआ रिश्ता कहीं टूट न जाये इस भय में लोग चार पांच की संख्या में विवाह संपन्न कराने मजबूर हो गये थे। बिना बाजा के शादियां संपन्न हुई। रिश्तेदारों को भी नहीं बुलाया जा सका। अनुमति मिलने से एक बार फिर से विवाह मंडप में बैंड बाजा की धून में घराती-बराती एक नाच गा रहे हैं।

मास्क नहीं लगा रहे हैं लोग
शादी समारोह या फिर हाट बाजारों में लोग मास्क का उपयोग नहीं कर रहे हंै। जबकि अभी भी खतरा बना हुआ है। लोग अपनों को खो चुके हैं इसके बाद भी मास्क का उपयोग नहीं कर रहे हैं। वहीं जिला प्रशासन द्वारा भी इस पर गौर नहीं किया जा रहा है। बाजार में दुकानदार भी लोगों बिना मास्क के सामान बेच रहे हैं। संक्रमण यदि फैला तो स्थिति भयानक हो सकती है।

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