चुनाव से पहले ममता बनर्जी की पार्टी को कांग्रेस से झटका, इसका BJP को होगा जबरदस्त फायदा!
नई दिल्ली. कांग्रेस (Congress) ने गोवा विधान सभा चुनावों (Goa Polls 2022) के लिए तृणमूल कांग्रेस (TMC) के गठबंधन के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. ऐसे में बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि आखिर इस तटीय राज्य में प्री पोल एलाएंस को लेकर स्थिति आखिरकार कब साफ होगी. दरअसल इस बार आम आदमी पार्टी (AAP) भी पूरे दमखम से मैदान में है और कई सियासी दलों के नेताओं का कहना है कि बीजेपी (BJP) को हराने के लिए, एक व्यापक गठबंधन बनाने और BJP विरोधी वोटों में विभाजन को रोकने की शुरुआती कोशिशें अब तक नाकाम रही हैं.
टीएमसी की उम्मीदों को झटका!
तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) जहां हर हाल में गोवा में अपनी छाप छोड़ना को बेताब है. इसके लिए TMC ने गोवा में एक व्यापक गठबंधन का सुझाव दिया था. हालांकि अपने अपने नफे और नुकसान का ध्यान रखने और विपक्षी दलों के बीच भरोसे की कमी के कारण मजबूत गठबंधन का प्रस्ताव पर ज्यादा आगे नहीं बढ़ सका.
दरअसल कांग्रेस, इस बात से भी खफा है कि TMC ने उसके नेताओं को तोड़ कर अपने पाले में कर लिया. वहीं AAP, जो पिछले विधान सभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई थी, वह भी अपने दम पर अभूतपूर्व नतीजे हासिल करने के दावे कर रही है.
TMC की गोवा प्रभारी महुआ मोइत्रा का बयान
वहीं राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि BJP के विरोध में विभिन्न दलों के ‘महागठबंधन’ बनने से वोटों के बंटवारे को रोकने में मदद मिलेगी, लेकिन जब विधान सभा चुनाव में एक महीने से भी कम समय बचा है. ऐसे में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के नेता अपनी अलग अलग राह देख रहे हैं. वहीं गठबंधन के सुझावों के बीच गोवा में दोनों दलों के नेताओं का एक दूसरे पर जुबानी हमला और तंज कसना जारी है.
इस बीच तृणमूल कांग्रेस की ओर से गोवा की प्रभारी नेता महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) ने कहा कि पार्टी कांग्रेस से अब भी जवाब आने के इंतजार में है क्योंकि बेबुनियाद झूठी और बहादुरी वाली तर्कसंगत सोच का कोई विकल्प नहीं है.
कांग्रेस का पलटवार
वहीं कांग्रेस नेता दिनेश गुंडू राव ने टीएमसी पर ‘भाजपा विरोधी वोट’ को विभाजित करने का आरोप लगाया है. राव की प्रतिक्रिया मोइत्रा के उस ट्वीट के बाद आई, जिसमें उन्होंने कहा था कि TMC ने दो हफ्ते पहले, BJP को हराने के लिए गोवा कांग्रेस को एक ऑफर दिया था.
क्या बीजेपी को होगा फायदा?
इस बीच कांग्रेस-टीएमसी की नूरा कुश्ती को लेकर सियासी बयानबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है. वहीं सियासी पंडितों का कहना है कि सही गठबंधन न होने पर इसका सीधा फायदा बीजेपी को होगा.