February 13, 2025

स्वतंत्रता पूर्व देश की पांचवीं संस्था भारतेंदु साहित्य समिति : डॉ.पाठक

स्थापना दिवस पर हुआ वरिष्ठ सदस्यों का सम्मान
बिलासपुर. स्वतंत्रता पूर्व स्थापित साहित्य संस्थाओं में भारतेंदु साहित्य साहित्य समिति पांचवें नम्बर की संस्था है जबकि छत्तीसगढ़ की पहली संस्था है।यह बात छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के पूर्व अध्यक्ष एवं थावे विद्यापीठ गोपालगंज बिहार के कुलपति डॉ. विनय कुमार पाठक जी ने कही।अवसर था भारतेंदु साहित्य की स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह का।
स्थापना दिवस के साथ ही शिकागो यूनिवर्सिटी से ‘ लाइफ टाइम एचीवमेंट ‘ का विश्वस्तरीय एवार्ड प्राप्त होने पर डॉ.विनय कुमार पाठक जी का सम्मान भी आयोजित रहा है।उनका शाल,श्रीफल और पुष्पगुच्छ से सम्मान किया गया।
डॉ.पाठक ने भारतेंदु साहित्य समिति के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी देते बताया कि सरयू प्रसाद त्रिपाठी ‘ मधुकर ,’पं.द्वारिका प्रसाद तिवारी जी आदि ने मिलकर 6 फरवरी 1935 को इस संस्था की स्थापना की।इस संस्था को हम सबको निरंतर गतिशील रखना है।
साईं आनन्दम् उसलापुर में हुए इस समारोह के आरंभ में स्वागत भाषण वरिष्ठ कवि विजय तिवारी जी ने दिया और कुशल संचालन हरबंश शुक्ल ने किया।इस मौके पर भारतेंदु समिति के शेष गिने-चुने सदस्यों का भी सम्मान किया गया।इसमें डॉ.पाठक ,बुधराम यादव, अमृतलाल पाठक,रमेश सोनी एवं केशव शुक्ला शामिल रहे हैं।
दूसरे चरण में काव्य गोष्ठी हुई जिसमें बसंत ऋतु से संबंधित रचनाओं का पाठ किया गया।उपस्थित कवयित्रियों में डॉ.सर्वेश पाठक, मनीषा भट्ट ,डॉ.आभा गुप्ता,डॉ.संगीता सिंह बनाफर, पूर्णिमा तिवारी,अर्चना मिश्र ,शैल अग्रवाल, कवियों में अमृतलाल पाठक,विजय तिवारी, बुधराम यादव ,ओम प्रकाश भट्ट,भरत वेद,मयंक मणि दुबे हरबंश शुक्ल,राजेंद्र पांडेय,अशोक शर्मा, अशरफी लाल सोनी ,विष्णु तिवारी,राजेंद्र रूंगटा, जगतारण डाहिरे ,केशव शुक्ला आदि ने अपनी सरस रचनाओं का पाठ किया।अंत में आभार रमेश सोनी ने व्यक्त किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post निकाय चुनाव: खूबचंद बघेल नगर वार्ड के प्रत्याशी राजेश त्रिवेदी ने निर्दलीय को कराया भाजपा प्रवेश
Next post भाजपा कार्यालय में अमर ने ली पार्षद प्रत्याशियों की समीक्षात्मक बैठक
error: Content is protected !!