भूकंप के तेज झटकों से हिला बीकानेर, रिक्टर स्केल पर 5.3 मापी गई तीव्रता
बीकानेर. राजस्थान के बीकानेर में भूकंप के तेज झटके (Earthquake in Bikaner) महसूस किए गए हैं, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.3 दर्ज की गई है. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (National Centre for Seismology) ने बताया कि बीकानेर में भूकंप के ये झटके सुबह 5:24 बजे महसूस किए गए. भूकंप से अभी तक किसी भी तरह के नुकसान की खबर सामने नहीं आई है.
मेघालय-लद्दाख में भी हिली धरती
राजस्थान से पहले मेघालय में रात करीब 2 बजकर 10 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.1 मापी गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, भूकंप का केंद्र पश्चिम गारो हिल्स रहा, हालांकि अभी तक मेघालय में भी किसी भी प्रकार के नुकसान की कोई खबर सामने नहीं आई है. इनके अलावा लेह-लद्दाख इलाके में भी सुबह करीब 4.57 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.6 रही.
क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं. जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है. बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं. जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं और नीचे की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है. फिर इस डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है.
कब कितनी तबाही लाता है भूकंप?
रिक्टर स्केल | असर |
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0 से 1.9 | सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है. |
2 से 2.9 | हल्का कंपन. |
3 से 3.9 | कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर. |
4 से 4.9 | खिड़कियां टूट सकती हैं. दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती हैं. |
5 से 5.9 | फर्नीचर हिल सकता है. |
6 से 6.9 | इमारतों की नींव दरक सकती है. ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है. |
6 से 6.9 | इमारतों की नींव दरक सकती है. ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है. |
7 से 7.9 | इमारतें गिर जाती हैं. जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं. |
8 से 8.9 | इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं. सुनामी का खतरा होता है. |
9 और उससे ज्यादा | पूरी तबाही. कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी. समंदर नजदीक हो तो सुनामी. |