एसआईआर कार्य में लगे बीएलओ को भाजपा पार्षद धमका रहे है, चुनाव आयोग मौन क्यों है?
रायपुर. बीएलओ को धमकाने वाले भाजपा पार्षद अम्बर अग्रवाल पर कानूनी कार्यवाही की मांग करते हुए प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि बीएलओ ने भाजपा पार्षद अम्बर अग्रवाल पर धमकाने, दबाव डालने का गंभीर आरोप अपने उच्च अधिकारियों से किया है, महिला बीएलओ रो-रो कर अपनी परेशानी बता रही है, भारी मानसिक दबाव का जिक्र कर रही है, फिर आयोग ने अब तक भाजपा पार्षद के खिलाफ एक्शन क्यों नहीं लिया? चुनाव आयोग भाजपा के दबाव में काम कर रही है। पूरे प्रदेश में एसआईआर कार्य में लगे बीएलओ को भाजपा नेताओं के द्वारा धमकाने, चमकाने, दबाव डालने की सूचना लगातार मिल रही है। ऐसे में एसआईआर निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से होगा इसमें संशय है। चुनाव आयोग जब अपने बीएलओ की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर पा रहा है, ऐसे में मतदाता सूची में निष्पक्षता और विश्वनीयता की कमी रहेगी।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि एक महिला बीएलओ, जिसका कार्य केवल निर्वाचन प्रक्रिया को निष्पक्ष रखना है, उसे पार्षदों द्वारा कार्यालय बुलाकर धमकाया गया। उसके साथ बदतमीज़ी की गई। क्या किसी अधिकारी, कर्मचारी को भाजपा के नेताओं ने अपना नौकर समझ लिया है? क्या अब अधिकारी किससे मिलें, किसके साथ जाएँ, यह भी भाजपा तय करेगी? भाजपा सरकार में अधिकारी सुरक्षित नहीं जनता तो दूर की बात है। क्या यही साय का “सुशासन” है? क्या यही भाजपा के “अच्छे दिन” का मॉडल है, जहाँ एक महिला अधिकारी को भाजपा नेता सिर्फ इसलिए धमकी दे रहें, क्योंकि वो अपने कर्तव्य का पालन ईमानदारी से कर रही है।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा शासन में न अधिकारी सुरक्षित हैं, न महिलाएँ, न लोकतंत्र। बीएलओ निर्वाचन प्रक्रिया की रीढ़ होती है। उनकी सुरक्षा और निष्पक्षता लोकतंत्र की आधारशिला है। लेकिन भाजपा पार्षदों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए उन्हें धमकाया, दबाव बनाया और राजनीतिक आकाओं की तरह व्यवहार किया। यह लोकतंत्र नहीं, बल्कि लोकतंत्र का अपमान है। एक महिला, एक अधिकारी को धमकाना अपराध है। भाजपा पार्षदों के खिलाफ उचित कार्यवाही की मांग करते है। अगर भाजपा सच में लोकतंत्र में विश्वास रखती, तो पहले ही दिन पार्षदों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होती। यह घटना साफ दर्शाता है कि भाजपा की राजनीति का आधार लोकतंत्र नहीं, बल्कि डर, दमन और बदमाशी पर टिक गया है।


