भाजपा का अहंकार बनाम राहुल गांधी की इंसानियत
रायपुर. प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि गुजरात में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा मंच में भाषण दे रहे थे। मंच के पास सुरक्षा कर्मी अचानक बेहोश होकर गिर पड़ाता है।लेकिन नड्डा का भाषण चलता रहाता है। ये बेहद ही निंदनीय है मंच पर बैठे किसी भाजपा नेता ने उठकर उक्त जवान का हालचाल तक नहीं पूछा। भाजपा नेताओं की संवेदनहीनता देश ने देख लिया। यही दृश्य एक सवाल छोड़ जाता है। आखिर इतना अहंकार गुरूर क्यों? क्या संवेदना सत्ता से बड़ी नहीं होनी चाहिए?भाजपा में इंसान से ऊपर इवेंट और इमेज कैसे हो गया?
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा की संवेदनहीनता के कारण देश प्रदूषण से कराह रहा है, युवा बेरोजगारी से टूट रहे हैं, किसानो की आत्महत्या की घटना घट रही है महंगाई ने हर घर का बजट बिगाड़ दिया है।लेकिन भाजपा के नेताओं और इनकी सरकारों को कोई फर्क नहीं पड़ता।जनता की पीड़ा इनके भाषण बाधित नहीं करती।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री ‘मन की बात’ में व्यस्त हैं, प्रदेश के मुख्यमंत्री मोदी गान में मस्त है। जनता महंगी बिजली,बढ़ती बेरोजगारी,भ्रष्टाचार की लूट से त्रस्त है। आपराधिक घटनाओं से छत्तीसगढ़ थर्रा रहा है।लेकिन भाजपा के नेता सत्ता के नशे में मदमस्त है जनता को ठीक उसी तरह जैसे इस वीडियो में सुरक्षा कर्मी गिरा पड़ा था, भाजपा ने उसे उसके हाल पर छोड़ दिया। ठीक उसी तरह जनता को भी इन लोगों ने उसके हाल पर छोड़ रखा है।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि एक ओर संवेदनहीन भाजपा नेता है दूसरी तरफ राहुल गांधी इंसानियत को राजनीति से ऊपर रखने वाला नेता राहुल गांधी जहां भी जाते है, यात्रा हो, रैली हो या कार्यक्रम वे सबसे पहले यह देखते हैं कि उनके साथ चलने वाले पुलिसकर्मी, सुरक्षाकर्मी या कार्यकर्ता ठीक हैं या नहीं। कई बार कैमरों के सामने नहीं, बल्कि भीड़ के बीच वे किसी सुरक्षा कर्मी को पानी पिलाते दिखे हैं, किसी को खाना देते हुए और जब किसी जवान को चोट लगी, तो राहुल गांधी खुद झुककर उसका हाथ पकड़कर पूछते दिखे, आप ठीक हैं? यह सिर्फ व्यवहार नहीं, यह एक नेता के दिल की पहचान है यही असली अंतर है ।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा का अहंकार बनाम राहुल गांधी की इंसानियत। देश आज यह फर्क महसूस कर रहा है कि सत्ता की कुर्सी नहीं, समझ, करुणा और संवेदना ही सच्चे नेतृत्व की पहचान होती है।


