ब्लैकलिस्टेड फर्मों को हाइकोर्ट से फिलहाल कोई राहत नहीं

बिलासपुर. ज्ञात हो के छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के द्वारा पुस्तक छापने हेतु टेंडर प्रकिया के माध्यम से कार्य कराया जाता है और शिक्षण सत्र 2020-21 के लिए निविदा रखी गयी थी जिसमे कुल 19 फर्मो ने भाग लिया था। जिसमे से कार्य को समय सीमा के अंदर सम्पन्न न कर पाने तथा अन्य गड़बड़ी सामने आने पर पाठ्यपुस्तक निगम द्वारा कारण बताओ नोटिस देकर 5 फर्मो शारदा ऑफसेट टेक्नो प्रिंट्स रामराज प्रिंटर्स प्रगति प्रिंट्स एवम श्री राम प्रिंट्स को 3 साल के लिये ब्लैकलिस्ट कर दिया गया था । जिसको सम्बन्धित आफ़सेटों द्वारा संविधान के मूल सिद्धांत के विरुद्द होने पर एवी श्रीधर अधिवक्ता एवं हर्षवर्धन द्वारा हाइकोर्ट में चुनौती दी गयी थी। आज न्यायमूर्ति गौतम भादुरी के कोर्ट में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता को वर्तमान परिस्थितियों में कोई भी अंतरिम राहत देने से इनकार करते हुए फिलहाल ब्लैकलिस्ट से मुक्त नही किया गया है। साथ ही साथ जवाब के लिए पाठ्यपुस्तक निगम को समय दिया है। इसमें पाठ्यपुस्तक निगम के ओर से डॉ निर्मल शुक्ला वरिष्ठ अधिवक्ता अर्जित तिवारी अधिवक्ता आशीष श्रीवास्तव अधिवक्ता तथा सुदीप श्रीवास्तव अधिवक्ता ने पक्ष रखा तथा इसमें रायपुर निवासी राजकुमार दुबे ने मामले में हस्तक्षेप किया है जिन्होंने पूर्व में कुछ आफसेट के गड़बड़ी को उजागर किया था जिसपर जांच शुरू हो गई है। मामले की अगली तिथि अप्रैल माह में निर्धारित की गई है।