जम्मू में आदिवासी परिवार के 35 सदस्यों को ईंट भट्ठा संचालक ने बनाया बंधक

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बिलासपुर. जम्मू में आदिवासी परिवार के लगभग 35 सदस्यों को ईंट भट्ठा संचालक ने बंधक बना लिया है। जांजगीर चांपा जिले के दलाल ने इन आदिवासी मजदूरों को उचित भुगतान का लालच देकर दो पूर्व जम्मू में छोड़ आया था। जम्मू के ईंट भट्ठा संचालक द्वारा इन मजदूरों को बंधक बना लिया गया है, उन्हें रिहा करनेे के एवज में वह दो लाख रूपये की मांग कर रहा है। भट्ठा संचालक द्वारा मासूम बच्चों से भी काम कराया जा रहा है। कानून की जानकारी से अनभिज्ञ बंधक बने आदिवासी परिवार के लोग अपने परिजनों से संपर्क कर जान माल और आबरू बचाने के लिये आग्रह कर रहे हैं। परिजन इसकी शिकायत जिलाधीश और श्रमविभाग के अधिकारियों से कर उचित कार्यवाही की मांग करेंगे। समाचार लिखे जाने तक मामले की शिकायत नहीं की जा सकी है।

सीपत थाना क्षेत्र के ग्राम जेवरा नवापारा निवासी साधराम गोंड ने बताया कि हमारे परिवार से कुल 6 लोग 2 साल पहले जम्मू कश्मीर कमाने खाने गये हैं। उन्होंने बताया कि दो साल पहले जांजगीर-चांपा जिले के अकलतरा तहसील अंतर्गत आने वाले ग्राम दलहा पोड़ी निवासी प्रकाश जो कि मजदूरों का दलाल है के द्वारा आदिवासी परिवार के लगभग 35 मजदूरों को काम दिलाने के लिये जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिला थाना नौसेरा के ग्राम जाबा में टाइगर बाबू ईंट भट्ठा में छोड़ आया है। दो वर्ष बीत गये हैं इसके बाद भी ईंट भट्ठा संचालक द्वारा मजदूरों को रिहा नहीं किया जा रहा है, उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही है। कुछ दिनों पूर्व अकलतरा क्षेत्र के झिरिया ग्राम निवासी गौरीशंकर पिता समार सिंह ने अपने परिजनों को फोन पर बताया कि हमें ठेकेदार द्वारा बंधक बना लिया गया है। लगभग 35 लोग ठेकेदार के दबाव में आकर काम कर रहे हैं। इसी तरह शिवा गोंड ने भी दो दिन पूर्व फोन पर जानकारी देकर जिला प्रशासन के माध्यम से रिहा कराने की मांग अपने परिजनों से की है। भोले भाले आदिवासियों के साथ मारपीट की जा रही है वहीं बहु बेटियों को ईज्जत लूटने की धमकी भी ईंट भट्ठा ठेकेदार द्वारा जा रही है। अभी तक आदिवासी परिवार के लोगों ने जिला प्रशासन को इस संबंध में जानकारी नहीं दी है। संभवत: सोमवार को अपने परिजनों को रिहा कराने की मांग को लेकर आदिवासी परिवार के सदस्य जिलाधीश को ज्ञापन सौंपेगे।

बच्चों से भी लिया जा रहा है काम
जम्मू में बंधक बने आदिवासी मजदूरों ने अपने परिजनों को बताया है कि ईंट भट्ठा संचालक टाइगर बाबू द्वारा 08-10 साल के मासूम बच्चों से काम करवा रहा है और गंदी-गदी गालियां दे रहा है। इन बच्चों की शिक्षा-दीक्षा पर भी गंभीर संकट आ गया है। केन्द्र शासित राज्य में इस तरह आदिवासी परिवार के लोगों के साथ हो रहा है और जिम्मेदार लोग जम्मू कश्मीर में फिर से चुनाव कराकर सरकार बनाने की योजना बना रहे है।

बंधक बनी महिलाएं हैं असुरक्षित
दो वक्त की रोजी-रोटी के लिये गईं आदिवासी परिवार की महिलाएं जम्मू में असुरक्षित हैं। पति के साथ रहते हुए भी उन्हें ठेकेदार की बुरी नजरों का सामना करना पड़ रहा है। ठेकेदार द्वारा सीधे तौर आबरू लूटने की धमकी दी जा रही है। उन्हें रिहा करने के एवज में दो लाख रूपये की मांग की जा रही है।  बंधक बने लोग भला दो लाख रूपये कहां से जुटा पाएंगे? इसका पूरा फायदा दबंग ठेकेदार उठा रहा है।

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