विकास के नाम पर बुलडोजर की मार: गरीबों पर अन्याय, जनता में गुस्सा

 

 

बिलासपुर/ अनिश गंधर्व। विकास के नाम पर सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाने के नाम पर प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे बुलडोजर अभियान को लेकर आम जनता में भारी आक्रोश देखा जा रहा है। शहर के चिंगराजपारा, लिंगियाडीह जैसे क्षेत्रों में  मानवीय विचार के लोगों के आशियाने उजाड़े जा रहे हैं। प्रशासन की इस नीति को आम नागरिक दोहरे मापदंडों वाला और पक्षपातपूर्ण बता रहे हैं।

पूर्व में चांटीडीह मेला पारा में जब इसी प्रकार की कार्रवाई हुई थी, तब भी जनता ने तीव्र विरोध किया था। लेकिन आज तक वहां कोई ठोस विकास कार्य नहीं किया गया। इसी तरह, चकरभाठा में स्थित सिंधी समाज के सामुदायिक भवन को भी विद्वेषपूर्ण ढंग से तोड़ दिया गया, जिससे समाज में रोष व्याप्त है।

हाल ही में जवाली नाला के समीप स्थित तीन मंजिला इमारत को जमींदोज कर दिया गया। नगर निगम और जिला प्रशासन की इस कठोर कार्रवाई के विरोध में लोग सड़कों पर उतर आए हैं। अपोलो मार्ग से चांटीडीह रपटा चौक तक सड़क चौड़ीकरण के नाम पर स्थानीय निवासियों के घरों को ध्वस्त कर दिया गया, जिससे लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। नागरिक प्रशासन के इस रवैये को तानाशाही करार दे रहे हैं।

चिंगराजपारा में एक गरीब परिवार, जिसका बच्चा गंभीर बीमारी से जूझ रहा था और इलाज के लिए शहर से बाहर गया हुआ था, उसके घर को भी बार-बार विनती करने के बावजूद तोड़ दिया गया।  परिवार ने मृत शिशु के शव के साथ जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने मानवता के आधार पर प्रशासन की निंदा करते हुए न्याय की मांग की।

जनता का आरोप है कि बेलतरा विधानसभा क्षेत्र में यह पूरी कार्रवाई भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के इशारे पर की जा रही है। इससे पहले इस प्रकार की क्रूरता गरीबों के साथ नहीं की गई थी। दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि इस अन्याय के विरोध में कोई भी भाजपा नेता आगे आकर पीड़ितों की आवाज नहीं बन रहा है। इस अन्याय और प्रशासनिक कठोरता से आहत जनता ने आगामी चुनावों में इसका करारा जवाब देने का संकल्प ले लिया है।

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