कनाडा ने भारत के साथ व्यापार समझौता तोड़ा
नई दिल्ली. आर्थिक मोर्चे पर केंद्र की मोदी सरकार को बारबार असफलता का स्वाद चखना पड़ रहा है। महंगाई है कि कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। दूसरी तरफ इस सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार में भी गिरावट देखने को मिली है। इसके बाद जी-२० समिट से ठीक पहले एक और बुरी खबर आई है। कनाडा ने भी भारत के साथ प्रस्तावित व्यापार समझौता तोड़ दिया है।
बता दें कि दोनों देशों के बीच व्यापार संधि पर बातचीत चल रही थी। कनाडा ने इसे फिलहाल रोक दिया है। बता दें कि दोनों देशों ने गत मई में कहा था कि उनका लक्ष्य विवादों से निपटने के लिए एक तंत्र स्थापित करते हुए व्यापार बढ़ाने का है और इस उद्देश्य को लेकर इसी वर्ष एक प्रारंभिक समझौता किया जाएगा लेकिन जी-२० को लेकर प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की हिंदुस्थान यात्रा से पहले ही कनाडा ने बहाना बनाकर इसे आगे बढ़ाने से इंकार कर दिया है। जबकि पिछले महीने एक शीर्ष व्यापार अधिकारी ने भी कहा था कि हिंदुस्थान ने जी-२० शिखर सम्मेलन के इतर कनाडा और अन्य देशों के साथ द्विपक्षीय मुक्त व्यापार वार्ता आयोजित करने की योजना बनाई है, लेकिन कनाडा ने शुक्रवार को अप्रत्याशित रूप से कहा कि उसने हिंदुस्थान के साथ प्रस्तावित व्यापार संधि पर बातचीत रोक दी है। कनाडा और हिंदुस्थान एक व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते के बारे में २०१० से बातचीत कर रहे हैं। वार्ता औपचारिक रूप से पिछले वर्ष फिर से शुरू की गई थी।
प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की अगले हफ्ते हिंदुस्थान यात्रा से पहले एक अधिकारी ने उनके हवाले से बताया कि व्यापार वार्ता लंबी एवं जटिल प्रक्रियाएं हैं। हमने यह देखने के लिए इसे रोका है कि हम कहां हैं। कनाडा में हिंदुस्थान के दूत संजय कुमार वर्मा ने शुक्रवार को कनाडा की प्रेस को बताया कि ओटावा ने पिछले महीने ही बिना कारण बताए ही वार्ता पर विराम की मांग की थी। हिंदुस्थान और कनाडा ने मई में कहा था कि उनका लक्ष्य विवादों से निपटने के लिए एक तंत्र स्थापित करते हुए व्यापार बढ़ाने और निवेश का विस्तार करने के लिए इस वर्ष एक प्रारंभिक समझौते पर मुहर लगाना है।