भारत के प्रमुख टेलीकॉम कंपनी है जो मोबाइल calling और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर है उनको मोबाइल ऐप शीघ्र ही बनाने चाहिए भारत की प्रमुख टेलीकॉम कंपनियां में एयरटेल, भारती, रिलायंस, जिओ, वोडाफोन, आइडिया है इन कंपनियों में सबसे अधिक करोड़ो इंटरनेट यूजर है सभी कंपनी इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर करती है इन कंपनियों के उपभोक्ताओं के
प्रशांत सिंह कोरोना के चलते रंगकर्मियों की हालत खराब हो गई है। रंग के आयोजन नहीं हो पा रहे हैं। कलाकार घर बैठे हुए हैं।उनकी किसी प्रकार की गतिविधि संचालित नहीं हो पा रही हैं। थियेटर लॉकडाउन के कारण बंद हैं, जिससे कलाकारों को रोजी- रोटी के लाले पड़ गए हैं। सन् 2020 का यह
भारत में इलेक्ट्रॉनिक के उद्योग बहुत कम है इनका इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों विस्तार होना चाहिए. मेक इन इंडिया के अंतर्गत इलेक्ट्रॉनिक सामानों को हमे भारत में बनने पड़ेगा अब समय को देखते हुए बदलने जरूरी हो गए. चीन से जो हम आयात करते थे अब उस पर काफी सारी रोक हो गई है इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाने
केंद्र सरकार के खाद्य पूर्ति मंत्रालय को चाहिए कि वन वन नेशन वन राशन कार्ड शीघ्र ही चालू करें कोरोनावायरस देखते हुए लोगों के पास इस रूपया ऐसा खत्म हो चुका है. साथ में जो मिडिल क्लास है अगर मैं उदाहरण दे दिल्ली में सैकड़ों मार्केट होलसेल की है. जिसमें कपड़े की फैक्ट्री की और
दिल्ली विश्वविद्यालय में लगभग 5000 एडहॉक अध्यापक पढ़ाते हैं लेकिन उनकी लेकिन प्रत्येक 4 महीने बाद जॉइनिंग को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन असंवेदनशील रवैया अपनाता रहता है | मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार ने स्थाई नियुक्ति तक किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं करने का आदेश जारी किया था| लेकिन प्रशासन बार बार शैक्षणिक कैलेंडर बदलना,
देश में कोरोनावायरस महामारी के कारण भारतीय न्याय व्यवस्था के दरवाजे बंद होने के बाद व्यवसाय के तौर पर अधिवक्ता भी इस बेरोजगारी के आलम से बच नहीं पाए। फिलहाल जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने में असक्षम महसूस कर रहे हैं। भारत के सामाजिक व्यवस्था में वकालत करने के बाद वकील के व्यवसाय
(आलेख : बादल सरोज) इसमें दो मत नहीं कि इतिहास एक विज्ञान है। मगर उसके अपने नियम होते हैं। यह भौतिकी, रसायन या नाभिकीय विज्ञान जैसा — यूँ होता, तो यूँ होता, तो क्यूँ होता — जैसा सूत्रबद्ध किये जा सकने वाले अपरिवर्तनीय नियमों में बंधा विज्ञान नहीं है। यही वजह है कि इतिहास से
(आलेख : बादल सरोज) कोरोना के टीके को 15 अगस्त से पहले जिल्लेइलाही के हुजूर में हाजिर होने का हुकुम दे दिया गया है, ताकि वे उस दिन लालकिले की प्राचीर पर खड़े होकर उसे खोज लिए जाने का एलान कर सकें और अपनी कामयाबी की पताका फहरा सकें। उनकी यह इच्छा इंडियन कौंसिल ऑफ़
(प्रशांत सिंह) यूपी के गैंगेस्टर विकास दुबे का गत् दिनों एनकाउंटर कर दिया गया।इसके साथ ही कहानी खत्म नहीं हुई वरन् अनेक कहानियां शुरू हो गई हैं।यूं तो एनकाउंटर में उसे तीन गोलियां लगी हैं पर सोशल मीडिया पर अनेक सवालों की गोलियां चल पड़ी हैं। विकास दुबे ब्राह्मण था यह सवाल नहीं है।वह कानून
आलेख : संजय पराते कॉ. अजीत लाल नहीं रहे। उनके जाने से धमतरी में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के इतिहास का एक अध्याय समाप्त होता है। उनके असामयिक निधन से छत्तीसगढ़ और खास तौर से धमतरी पार्टी तथा ट्रेड यूनियन आंदोलन को एक अपूरणीय क्षति हुई है, क्योंकि अपनी संघर्षशीलता तथा जीवटपन के कारण वे धमतरी
सबसे पहले आपको यह जान लेना आवश्यक है कि “हर लड़की – लड़का योग्य है, योग्यता किसी में कम या अधिक नहीं। बस किसी भी लड़के या लड़की के लिए उसके टाइप का, उसके समानांतर जीवनसाथी चाहिए होता है।” यह बात आपको पचने वाला नहीं है मगर यही सत्य है, मगर जो आपको देखने समझने
युवा अर्थात जवाबदारी। युवाओं को जवाबदारी का प्रतीक ऐसे ही नहीं माना गया है। अपार संभावनाओं का स्वामी युवा हर असंभव को संभव करने की शक्ति रखता है। संत कबीर दास जी का एक दोहा है – ज्यों तिल माहि तेल है, ज्यों चकमक में आग। तेरा साईं तुझ ही में है, जाग सके तो जाग।। “ज्यों तिल
(आलेख : अशोक तिवारी) “चम्बल एक्सप्रेस वे” — चंबल के बीहड़ में फोरलेन राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने का प्रोजेक्ट — वर्ष 2018 से लंबित है| यह केंद्र सरकार द्वारा निर्मित होने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग है। पहले यह एक्सप्रेस वे भिंड से शुरू होकर श्योपुर कलां (मुरैना जिले का यह हिस्सा अब नया जिला है) तक लगभग
एचपी जोशी सावधान और सुरक्षित रहिए क्योंकि कोरोना वायरस इस तस्वीर में दिख रहे फूल जैसे नग्न आंखों से दिखाई नही देता। दीगर राज्य और विदेशों से आने वाले अथवा कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले कोई भी व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकते हैं, संक्रमित व्यक्ति के हथेली देखकर आप नही
(आलेख : संध्या शैली) 18 मई सुबह तक कोविड-19 या कोरोना से दुनिया भर में हुयी मोैतों के आंकडों के हिसाब से 3 लाख 15 हजार से ज्यादा लोग इस बीमारी के शिकार हो चुके थे। 47 लाख से ज्यादा संक्रमित थे और 17 लाख ठीक हो चुके थे। हर दिन 5000 से ज्यादा लोग
आलेख- श्री हुलेश्वर जोशी कर्म का सिद्धांत क्या है? कर्मफल क्या है? इसे जानने के पहले हमें कर्म को जानना होगा, कि कर्म क्या है? कर्म किसे कहेंगे? कर्म अच्छे हैं या बुरे? कर्म का फल स्वयम के कर्म के अनुसार मिलता है कि हिस्सेदारी सबकी होती है? इन सब प्रश्नों का उत्तर जानने के
मैं देख रहा हूं की आज युवा बहुत बुझा बुझा सा नजर आ रहा है। ये हताशा ठीक नहीं आक्रमकता जरुरी है। उस आक्रमकता की दिशा राजनीतिक नहीं बल्कि स्वयं से जुड़े मुद्दों के लिए होना चाहिए। आक्रमकता का हमें अपने हितों व समस्याओं के ध्यानाकर्षण के लिये उपयोग करना चाहिए। यह आक्रामकता हम में
विगत 7 वर्षो से भारतीय राजनीति मे जो गिरावट आयी है उसके मोदी जी और अमित शाह जी अहम करदार है। कार्पोरेट्स की शह पर तत्कालीन यूपीए सरकार को बदनाम करने की जो मुहिम इन्होने चलाई, उसमे सफल भी रहे, लेकिन भारतीय राजनीति व लोकतंत्र का जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई शायद जल्दी संभव नही होगी। सरकार मे बैठे अवसरवादियों
(आलेख : बादल सरोज) एक कहावत है कि गिद्ध को सपने में भी लाशों के ढेर नजर आते हैं। भेड़ियों की बरात गाँव बसाकर नहीं लौटती। ठीक इसी तर्ज पर इन दिनों, कोरोना आपदा के इतने बड़े संकट के समय भी, बर्बरता के अग्रदूत और अँधेरे के पुजारियों का आचरण है। अहमदाबाद से गुजरात भर और
तुम नहीं कमजोर, मजबूर मत समझना। आवाज कर बुलंद, युवाओं का काम धधकना सशक्त युवा वह सैलाब है, जिसे रोका नहीं जा सकता है। अगर आप शसक्त नहीं है, तो इसका सीधा मतलब है, आप मजबूर हैं। पराधीन हैं। दूसरे की दया पर निर्भर हैं। क्या युवाओं का जीवन सिर्फ आत्मगौरव महसूस करने से चल जायेगा? क्या जाति, धर्म, भाषा, क्षेत्र, राष्ट्र, सीमाएं, परंपरा, संस्कृति, देशी, विदेशी ईत्यादि जैसे मुद्दों