श्रम कल्याण मंडल के अध्यक्ष शफी अहमद ने वित्तीय अनियमितता को गंभीरता से लेते हुए 3 सदस्यों की जाँच समिति गठित की

रायपुर. श्रम कल्याण मंडल में पूर्ववर्ती भाजपा शासन काल में वर्ष 2015 से 2018 के दौरान करोड़ो की वित्तीय अनियमितता का मामला निजी कम्पनी की ऑडिट में सामने आया है।मंडल के अध्यक्ष शफी अहमद ने इसे गम्भीरता से लेते हुए जांच समिति गठित किया है। मंडल की तीन सदस्यों की समिति इसकी जांच करेगी।

श्रम कल्याण मंडल अध्यक्ष शफ़ी अहमद की अध्यक्षता आहूत मंडल की  बैठक में सदस्य मनोज सिंह ने वर्ष 2015 -16 से 2018 -19 की निजी कम्पनी द्वारा कराई गई ऑडिट का मसला उठाया।ऑडिट में सिर्फ औधोगिक जिलों रायपुर,दुर्ग,रायगढ़,कोरबा और राजनांदगांव  जिले की अभिदाय वसूली की जांच 88 लाख 42 हजार 129 रुपये की गड़बड़ी उजागर किया है।प्रदेश के सभी जिलों की जांच में करोड़ो की अनियमितता सामने आ सकती है।सिलकोसिस बीमारी के मामले में 33लाख की क्षतिपूर्ति देने के बाद भी सम्बंधित प्रतिष्ठानों पर कार्यवाही न करने,सायकल वितरण में 9 लाख 89 हजार 202 रुपये की अनियमितता का उल्लेख रिपोर्ट में है। आयकर कटौती,शैक्षणिक छात्रवृत्ति,कन्या विवाह सहायता वितरण योजना में अपात्रों को भुगतान का मामला सामने आया है।
ऑडिट रिपोर्ट को गम्भीरता से लेते हुए मंडल के अध्यक्ष शफ़ी अहमद ने जांच का निर्देश दिया है। मंडल की तीन सदस्यों की समिति समूचे मामले की जांच कर रिपोर्ट देगी। श्रीमती अम्बालिका साहू के सुझाव पर श्रम मित्र के समान संगठित क्षेत्र के लिए औधोगिक जिलों में श्रम समिति के गठन और तीन वर्ष कार्य कर चुके मंडल के संविदाकर्मियों को नियमित करने प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजने का निर्णय लिया गया।वर्तमान में शैक्षणिक क्षात्रवृत्ति योजना की राशि बढ़ाने,मेघावी शिक्षा प्रोत्साहन योजना,खेलकूद प्रोत्साहन योजना प्रारंभ करने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा जाएगा। बैठक में कल्याण आयुक्त दिव्यांश सिन्हा, सदस्य शरीक रईस खान,नरेश देवांगन,सुशांतो राय, नवीन सिंह,झुमुक साहू मौजूद थे।

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