कानूनों को मनी बिल के रूप में पारित करने को चुनौती : याचिकाओं पर सुनवाई को तैयार हुआ सुप्रीम कोर्ट
नयी दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट उन याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सोमवार को तैयार हो गया, जिनमें राज्यसभा को कथित तौर पर दरकिनार करने के लिए आधार अधिनियम जैसे कानूनों को धन विधेयक के रूप में पारित करने की वैधता को चुनौती दी गई है। वरिष्ठ अधिवक्ता एवं सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के प्रमुख कपिल सिब्बल ने प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ से आग्रह किया था कि दलीलें पूरी हो चुकी हैं और याचिकाओं को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने की जरूरत है। प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘जब मैं संविधान पीठ का गठन करूंगा, तब निर्णय लूंगा।’ इससे पहले, शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह आधार अधिनियम जैसे कानूनों को धन विधेयक के रूप में पारित करने की वैधता के मुद्दे पर विचार करने के लिए सात न्यायाधीशों की पीठ का गठन करेगी। इस फैसले का मकसद सरकार द्वारा आधार अधिनियम और यहां तक कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) में संशोधन को धन विधेयक के रूप में पेश करने के बाद धन विधेयक पर उपजे विवाद का समाधान करना था। सरकार ने यह कदम राज्यसभा को कथित तौर पर दरकिनार करने के लिए उठाया था, जहां उसके पास तब बहुमत नहीं था।