VIDEO – छोटेलाल की मौत का मामला : आबकारी व जेल के अधिकारियोंं पर हत्या का मामला दर्ज कराने यादव समाज ने सौंपा ज्ञापन

बिलासपुर/अनिश गंधर्व. पचपेड़ी थाना क्षेत्र जो कि अवैध शराब का गढ़ कहलता है। इसी क्षेत्र के ग्राम चिल्हाटी में रहने वाले छोटे यादव पिता चैनूराम आयु 33 वर्ष के घर बीते 10 मई को आबकारी विभाग की टीम ने छापा मारा। छापामार कार्र्यवाही में जब टीम के अधिकारी आनंद कुमार वर्मा व 15 सिपाहियों के हाथ कुछ लगा तो आक्रोश में आकर आबकारी अमला द्वारा छोटेलाल की जमकर पिटाई की गई है। जब परिजनों ने टीम का विरोध किया छोटेलाल को जान से मारने की धमकी देते हुये उसे घसीटकर ले गये। ग्रामीणों का कहना है कि जब छोटे लाल के घर से कुछ भी बरामद नहीं हुआ तो गुस्से में आकर आबकारी विभाग के कर्मचारियों ने जमकर पिटाई की। उसके बाद 20 लिटर शराब जब्ती का झूठा मामला बनाकर उसे जेल भेज दिया गया।

मारपीट में गंभीर रूप से घायल छोटेलाल की हालत जेल में बिगड़ती देख उसे सरकारी अस्पताल में दाखिल कराया गया जहां उसकी दर्दनाक मौत हो गई। आबकारी विभाग व जेल के अधिकारियों पर हत्या का मामला दर्ज कराने यादव समाज ने कलेक्टर बिलासपुर को राज्यपाल, मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा हैं। इस मामले में कलेक्टर का कहना है कि मामले की न्याययिक जांच के लिये टीम का गठन किया गया है। जांच के बाद ही दोषियों पर कार्यवाही की जाएगी। इस संबंध में यादव समाज के पदाधिकारियों ने कहा है कि जांच कार्यवाही का इंतजार करेंगे। जांच में अगर दोषियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज नहीं किया गया तो आबकारी, पुलिस और जेल प्रबंधन केे खिलाफ उग्र आंदोलन किया जाएगा।

मृतक के शरीर में चोट के निशान
मृतक छोटेलाल यादव को आबकारी विभाग के कर्मचारियों ने बुरी तरह से पीटा हैं, उसके शरीर में चारों ओर चोट के निशान पाये गये हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर वह शराब का कारोबार करते पकड़ा जाता तो इतना मार उसे नहीं पड़ता। टीम ने जब उसके घर में दबिश और उनके हाथ कुछ नहीं लगा तो गुस्से में आकर उसे बुरी तरह से पीटा गया, झूठा मामला दर्ज किया गया और उसे मौत के घाट उतार दिया गया।

मृतक की पत्नी ने फांसी की सजा देने की मांग
यादव समाज के पदाधिकारियों के साथ मृतक की पत्नी व मासूम बच्चे भी कलेक्टर कार्यालय पहुंचे थे। इस दौरान मीडिया के समक्ष मृतक की पत्नी ने बताया कि मेरे को 15 आबकारी कर्मचारी बिना कारण घर से मारते-मारते ले गये। बुरी तरह पिटाई के कारण उसके पति की मौत हुई है।   उन्होंने अपने बच्चों के पालन पोषण और दोषियों को फांसी की सजा दिये जाने की मांग की है।

कच्ची शराब बेचने से इंकार करने पर दी जाती है धमकी
जिले में लचर कानून व्यवस्था को लेकर तरह तरह के सवाल उठ रहे हैं। आबकारी और पुलिस के आला अधिकारियों की शह पर अवैध कारोबार संचालित हो रहा है। रिश्वतखोरी में गले तक डूब चुके आबकारी विभाग के अधिकारी-कर्मचारी ग्रामीण इलाकों में अवैध शराब बिकवा रहे हैं, जो ग्रामीण अवैध शराब के धंधे में शामिल नहीं होना चाहता उसे जबरिया झूठे मामले में फंसा देने की धमकी दी जा रही है। इस तरह के अनेक उदाहरण सामने आ चुके हैं इसके बावजूद आबकारी और पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी अपनी आंखों में काली पट्टी बांधकर कानून व्यवस्था को तार-तार कर रहे हैं। कानून रखवाले जब इस तरह की आपराधिक घटना को अंजाम दे रहे तो इसका मतलब साफ है कि जिले में कानून व्यवस्था भगवान भरोसे हैं।

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