मिजोरम की सीमा पर चाइनालैंड काउंसिल का कब्जा
नई दिल्ली. म्यांमार से घुसपैठ के कारण मिजोरम पर खतरा बढ़ता ही जा रहा है। म्यांमार में सेना के खिलाफ लोकतंत्र समर्थक ताकतों से लड़ रही चाइना डिफेंस ज्वाइंट फोर्सेज की चाइनालैंड काउंसिल ने भारत-म्यांमार सीमा बिंदु के तियाउ-खावमावी गेट पर कब्जा कर लिया है। इस संगठन ने ‘चाइनालैंड में आपका स्वागत है’ लिखी तख्ती के साथ चीन का झंडा फहराया है। साथ ही, रिखवदार टाउनशिप में एक नागरिक प्रशासन बनाया गया है। हजारों म्यांमार नागरिकों में से ८०० को मिजोरम के इस हिस्से में सुरक्षित घर लौटने के लिए हरी झंडी दे दी गई है।
हजारों म्यांमारवासियों ने लौटने से किया मना
इससे पहले १९,००० म्यांमारवासी जो मिजोरम के रिखावदार और जोखावाथर इलाकों में भाग गए थे, उन्होंने अपने देश लौटने से मना कर दिया है।
चंफाई जिले के जोखावथर गांव की ग्राम परिषद के अध्यक्ष लालमुआन पुइया के अनुसार, पिछले हफ्ते म्यांमार के ख्वामावी गांव लौटे कई नागरिक लगातार हवाई हमलों से बचने के लिए भारतीय सीमा पर अपने गांव में रात बिताते हैं।
भारतीय सीमा पर बढ़ाई गई चौकसी
भारतीय अधिकारियों ने कहा है कि जो कुछ भी हुआ वह म्यांमार सीमा के भीतर हुआ। भारतीय क्षेत्र में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। सीमा पर असम राइफल्स की चौकसी बढ़ा दी गई है। मिजोरम के जोखावथर गांव की आबादी तीन हजार से भी कम है। इस अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मिजोरम से म्यांमार या म्यांमार से मिजोरम की यात्रा के लिए किसी वीजा की आवश्यकता नहीं होती है। १६ किमी के दायरे में परिवहन निःशुल्क है।
सेना और विद्रोहियों के बीच जारी है लड़ाई
भारत के पड़ोसी देश म्यांमार की सेना और विद्रोही समूह पीपुल्स डिफेंस फोर्स (पीडीएफ) के बीच १२ नवंबर से लड़ाई चल रही है। १४ नवंबर को म्यांमार सेना ने भारतीय सीमा से लगे ख्वामावी और रिहखावदार गांवों पर हवाई हमले किए। इसलिए म्यांमार से ५ हजार से ज्यादा लोगों ने भारतीय सीमा पार कर मिजोरम में शरण ली। हमले में ५१ साल के एक शख्स की मौत हो गई।