चीनी विदेश मंत्री Wang Yi का बड़ा बयान, कहा- इतिहास की देन है India-China सीमा विवाद, दोनों देश हैं दोस्त


बीजिंग. भारत और चीनी सेनाओं के बीच हाल ही में पूर्वी लद्दाख में डिसइंगेजमेंट को लेकर सहमति बनी थी और अब भारत को लेकर चीन का रुख बदल गया है. चीनी विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi) ने कहा कि चीन (China) और भारत (India) को सीमा मुद्दे के हल के लिए एक-दूसरे को नुकसान पहुंचाना और आपस में संदेह करना छोड़ देना चाहिए और द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार कर अनुकूल माहौल बनाना चाहिए.

सीमा विवाद इतिहास की देन : वांग यी
चीनी विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi) ने चीन और भारत के बीच संबंध के लिए सीमा विवाद को पूरी तरह से जिम्मेदार नहीं होने का जिक्र किया और कहा कि दोनों देश मित्र व साझेदार हैं, लेकिन उन्हें एक दूसरे पर संदेह करना छोड़ देना चाहिए. उन्होंने पिछले साल मई में पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में सीमा गतिरोध होने के बाद से भारत-चीन संबंधों की मौजूदा स्थिति पर अपने वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा कि यह जरूरी है कि दोनों देश अपने विवादों का निपटारा करें और द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार करें. सीमा विवाद, इतिहास की देन है, यह चीन-भारत संबंध के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार नहीं है.

लद्दाख में सैनिकों के पीछे हटने पर कुछ नहीं कहा

वांग यी (Wang Yi) ने चीन की संसद नेशनल पीपुल्स कांग्रेस के वार्षिक सत्र से अलग संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘यह जरूरी है कि दोनों पक्ष विवादों का उपयुक्त निपटारा करें और साथ ही सहयोग बढ़ाएं, ताकि मुद्दों के हल के लिए अनुकूल स्थिति बन सके.’ हालांकि, उन्होंने दोनों देशों के बीच 10 दौर की सैन्य स्तर की वार्ता के बाद पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के उत्तरी एवं दक्षिणी तटों से सैनिकों के हाल ही में पीछे हटने के विषय पर कुछ नहीं कहा.

भारत-चीन के विदेश मंत्रियों की बातचीत
बता दें कि हा भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (S. Jaishankar) के साथ चीनी विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi) की टेलीफोन पर 75 मिनट तक बातचीत हुई थी और इसके बीद चीनी विदेश मंत्री का यह बयान आया है. इसके अलावा शुक्रवार को भारतीय राजदूत विक्रम मिस्री ने चीन के उप विदेश मंत्री लुओ झाओहुई से मुलाकात की थी और पूर्वी लद्दाख के सभी इलाकों से सैनिकों की वापसी प्रकिया पूरी करने की अपील की थी. वांग ने अपनी टिप्पणी में कहा कि विश्व यह उम्मीद करता है कि चीन और भारत, दोनों देश विकासशील देशों के साझा हितों की रक्षा करें और विश्व में बहुध्रुवीय व्यवस्था को मजबूत करें.

‘भारत और चीन मित्र हैं प्रतिद्वंदी नहीं’
चीनी विदेश मंत्री वांग ने कहा, ‘कई अहम मुद्दों पर, हमारे रुख समान हैं या करीबी हैं, इसलिए चीन और भारत एक दूसरे के मित्र एवं साझेदार हैं, ना कि खतरा या प्रतिद्वंद्वी हैं. दोनों देशों को सफल होने के लिए एक-दूसरे को नुकसान पहुंचाने के बजाय एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए. हमें एक-दूसरे पर संदेह करने के बजाय सहयोग बढ़ाना चाहिए.’ वांग ने पूर्वी लद्दाख जिक्र किए बिना कहा, ‘सीमावर्ती क्षेत्र में पिछले साल जो कुछ सही या गलत हुआ, वह स्पष्ट है. हम सीमा विवाद वार्ता एवं परामर्श के जरिए हल करने को प्रतिबद्ध हैं. साथ ही, हम अपने संप्रभु अधिकारों की भी रक्षा करने का संकल्प लेते हैं.’

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