Type-2 Diabetes में दवा की तरह काम करती है दालचीनी, ब्‍लड शुगर तुरंत होता है कंट्रोल

लोगों को डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए दालचीनी का सेवन करना चाहिए। इसकी मदद से ब्लड शुगर को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।

दुनियाभर में डायबिटीज के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। यह एक ऐसी बीमारी है, जिससे सबसे ज्यादा लोग ग्रसित हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, ये बीमारी अभी और बढ़ेगी। इसलिए इस पर सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। वैसे डायबिटीज के उपचार में अक्सर दवाएं और इंसुलिन इंजेक्शन दिए जाते हैं, लेकिन कई ऐसे खाद्य पदार्थ हैं, जिनकी मदद से भी ब्लड शुगर को कम किया जा सकता है। इन्हीं में से एक है दालचीनी।

दालचीनी आमतौर पर हर भारतीय किचन में पाई जाती है। यह न केवल खाने का स्वाद बढ़ाती है बल्कि इसमें मौजूद कई औषधीय गुण टाइप 2 डायबिटीज से पीडि़त लोगों में ब्लड शुगर लेवल को बनाए रखने में मदद करते हैं। इतना ही नहीं, यह मसाला पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है, जो सीधे डायबिटीज से जुड़ा है। तो चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताते हैं कि डायबिटीज और दालचीनी का क्या कनेक्शन है और इसके फायदे क्या हैं।

​दालचीनी और मधुमेह के बीच कनेक्शन

मधुमेह और दालचीनी का बहुत खास कनेक्शन है। डायबिटीज रोगी को ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए दालचीनी का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। दरअसल, इसमें कई औषधीय गुण हैं, जिनमें डायबिटीज को कंट्रोल करने की अच्छी क्षमता है। जब शरीर में इंसुलिन का उत्पादन कम हो जाता है, तो शुगर अनियंत्रित हो जाती है। ऐसे में दालचीनी इंसुलिन प्रतिरोध को कम करके समस्या से छुटकारा दिलाती है।

जर्नल ऑफ डायबिटीज साइंस एंड टेक्नोलॉजी ( Journal of Diabetes Science and Technology) में प्रकाशित एक अध्ययन ‘Cinnamon: Potential Role in the Prevention of Insulin Resistance, Metabolic Syndrome, and Type 2 Diabetes’ में पाया गया कि इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ाने में दालचीनी बहुत फायदेमंद है। इससे शरीर में हेल्दी ब्लड शुगर लेवल को रेगुलेट होने में मदद मिलती है।

​दालचीनी के फायदे-

एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है दालचीनी

एंटीऑक्सीडेंट आपके शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। यह आपके बालों, त्वचा और मानव शरीर के अन्य पहलुओं को लाभ पहुंचाते हैं। पबमेड सेंट्रल (PubMed Central) में छपे एक अध्ययन की मानें तो दालचीनी एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर है। यह शरीर को फ्री रेडिकल से होने वाले ऑक्सीडेटिव नुकसान से भी बचाती हैं।

​न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों में लाभकारी

पबमेड सेंट्रल (PubMed Central) में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, पार्किसंस रोग के साथ चूहों में अध्ययन में दालचीनी ने न्यूरोट्रांसमीटर लेवल और न्यूरोन्स की रक्षा करने में मदद की। अध्ययन में पाया गया है कि दालचीनी न्यूरोडीजेनेरेशन के कारण होने वाले मास्तिष्क रोगों पर सकारात्मक प्रभाव डालती है।

​एंटी इंफ्लेमेट्री गुणों से भरपूर है दालचीनी

पबमेड सेंट्रल में प्रकाशित एक शोध एंटी-इंफ्लेमेटरी एक्‍टिविटी ऑफ सिनेमन के अनुसार, दालचीनी और इसके एंटीऑक्सीडेंट में शक्तिशाली एंटीइंफ्लेमेट्री गुण हैं। जिससे किसी भी बीमारी खासतौर से मधुमेह के जोखिम को कम किया जा सकता है।

​दालचीनी से होने वाले जोखिम

भले ही दालचीनी हमारे स्वस्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है, लेकिन इसके ज्यादा सेवन से स्वास्थ्य खराब भी हो सकता है। पबबमेंड सेंट्रल में छपी (Toxicology and risk assessment of coumarin: focus on human data) नामक एक रिपोर्ट के अनुसार, दालचीनी को मॉडरेशन में न खाया जाए, तो कैंसर और यकृत रोगों का खतरा बढने में देर नहीं लगती। यह मुंह के घावों , कम ब्लड शुगर लेवल के साथ सांस लेने वाली समस्याओं को भी जन्म दे सकती है।

दालचीनी मधुमेह से जुड़ी जटिलताओं को प्रबंधित करने में मदद करती है। यदि आप अपने ब्लड शुगर को कम करने के लिए दालचीनी का सेवन शुरू करना चाहते हैं, तो सीलोन दालचीनी का उपयोग करें। डायबिटीज मरीजों के लिए रोजाना इसका 6 ग्राम तक सेवन करना सुरक्षित है।

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