बिलासपुर. कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा धीरे धीरे बढ़ता जा रहा है। इसका सीधा असर व्यवस्था और व्यवस्थापकों पर दिखाई देने लगा है। भयावह आंकड़ों और सीमित संसाधनों के बीच एक बार फिर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय केशरवानी ने रेलवे का दरवाजा खटखटाया है। तमाम तर्कों के बीच विजय केशरवानी ने जीएम को बताया कि बिलासपुर की जनता ने जोन के लिए अपना बहुत कुछ दिया। अब जोन की जिम्मेदारी बनती है कि बिलासपुर की जनता को सब कुछ व्याज के साथ लौटाए। क्योंकि हमने जोन की लड़ाई सिर्फ माल परिवहन के लिए नहीं लडी थी।
56 आइसोलेसन कोच की मांग
दिनों दिन बढ़ती कोरोना संक्रमितों की संख्या और व्यवस्था पर पड़ रहे दबाव के मद्देनजर जिला प्रशासन और कांग्रेस संगठन ने रेलवे का दरवाजा खटखटाया है। रेलवे जीएम से चर्चा कर जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी ने एक साल पहले कोरोना संक्रमितों के लिए तैयार करीब 56 आइसोलेट कोच की मागं की है। विजय ने एसईसीआर महाप्रबंधक को बताया कि एक साल पहले करीब 56 कोच को कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए तैयार किया गया। लेकिन तैयार कोच का उपयोग नहीं हो सका। अब चूंकि कोरोना की मार से पूरा जिला बदहवास है। दिनों दिन बढ़ती मरीजों की संख्या को देखते हुए तैयार कोच का उपयोग किया जाना जरूरी है।
जीएम से लम्बी बातचीत
विजय केशरवानी ने बताया कि जीएम से मोबाइल पर लम्बी चर्चा हुई है। उन्हे बताया गया कि मरीजों की संख्या दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है।ऐसे में समय आ गया है कि एक साल पहले कोरोना मरीजों के लिए तैयार 56 आइसोलेशन कोच को संक्रमितों के इलाज के लिए खोला जाए। बातचीत के दौरान जीएम ने बताया कि इसके लिए एक निश्चित प्रक्रिया होती है। प्रशासन को एक मांग पत्र देना होगा। पत्र को मंत्रालय भेजेंगे। मंत्रालय से अनुमति के बाद ही तैयार आइसोलेशन कोच को प्रशासन के हवाले किया जाएगा।जीएम ने यह भी बताया कि अनुमति के बाद आइसोलेशन कोच में आक्सीजन की कमी को दूर कर लिया जाएगा।विजय ने बताया कि मामले में जिला प्रशासन प्रमुख डॉ. मित्तर से भी बातचीत हुई है। डॉ.मित्तर की पहल पर जिला स्वास्थ्य महकमें ने एक पत्र जीएम को लिखा है। पत्र के माध्यम से रेलवे प्रशासन से आक्सीजन व्यवस्था के साथ 200 बेड की मांग की गयी है।
जोन को निभाना होगा जिम्मेदारी
विजय ने बताया कि जिला प्रशासन ने अपना काम कर दिया है। अब जिम्मेदारी निभाने की बारी रेलवे प्रशासन की है। कांग्रेस नेता ने कहा कि रेलवे जोन के लिए बिलासपुर की जनता ने क्या कुछ संघर्ष नहीं किया। आंदोलनकारियों के बीच आज भी पुलिस की लाठी के साथ जेल के अनुभव ताजा हैं। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे देश का सबसे कमाऊ जोन है। लेकिन बिलासपुर के विकास में उसका किसी प्रकार का प्रभावशाली योगदान अभी तक नहीं रहा है। आज जोन के योगदान की सख्त जरूरत है। उम्मीद है कि जोन अपनी जिम्मेदारियों से नहीं भागेगा।
कलेक्टर ने लिखा जीएम को पत्र
इस संदर्भ में बिलासपुर कलेक्टर ने भी जीएम रेलवे को एक पत्र भेजा है। पत्र के माध्यम से जिला प्रशासन ने रेलवे से आक्सीजन बेड के साथ आइसोलेशन सेन्टर दिए जाने की बात कही है।कलेक्टर मित्तर के आदेश पर जीएम को लिखे पत्र में कहा गया है कि बिलासपुर में कोविड 19 के बढ़ते प्रकरण को देखते हुए पाजीटिव मरीजों के लिए बेड बढाए जाने की आवश्यकता है। हमने रेलवे प्रबंधन से 200 बिस्तर का आइसोलेशन सेन्टर आक्सीजन सपोर्ट के साथ स्टाफ की भी मांग की है।
उम्मीद है गंभीरता से करेंगे विचार
डॉ. सारांश मित्तर ने बताया कि रेलवे देश का जिम्मेदार संस्थान है। हमें पूरा विश्वास है कि भेजे गए पत्र पर प्रबंधन गंभीरता के साथ विचार करेगा। हम् जानते हैं सब कुछ एक प्रक्रिया के तहत होता है। उम्मीद है कि जनहित में रेलवे प्रबंधन आक्सीजन सपोर्ट के साथ 200 विस्तर वाला आइसोलेशन सेन्टर देने को तैयार होगा।
56 तैयार आइसोलेशन कोच
जिला कांग्रेस नेता विजय ने बताया कि एक साल पहले करीब 56 आइसोलेशन कोच संक्रमितों के लिए तैयार किया गया है। इसे तैयार करने में भारी भरकम राशि खर्च हुई है। लेकिन अभी तक कोच का उपयोग नहीं किया गया है। एक कोच में आठ बेड के साथ एक डाक्टर का बेड हैै। इस प्रकार यदि रेलवे प्रशासन अपने नैतिक दायित्यो का निर्वहन करत हुए 56 कोच कोविड मरीजों को देता है तो यहां करीब चार सौ अधिक मरीजों का इलाज संभव हो जाएगा। चूंकि दक्षिण पूर्व रेलवे कमाऊ संस्थान है। सभी कोच में आक्सीजन सपोर्ट की व्यवस्था करने में उसे किसी प्रकार की परेशानी भी नहीं होगी।