May 26, 2021
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पूछा सवाल, भारत के लोगों को कम वैक्सीन लगाकर, केंद्र सरकार ने उसी समय में ज्यादा वैक्सीन विदेश क्यों भेज दी
रायपुर.अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने “जिम्मेदार कौन?“ के नाम से एक श्रृंखला के तहत केंद्र सरकार से सवाल पूछा है। प्रियंका गांधी ने वैक्सिनेशन की धीमी और लचर प्रक्रिया को लेकर केंद्र सरकार को घेरा है। कांग्रेस महासचिव ने सरकार से वैक्सीन संकट से जुड़े 3 महत्वपूर्ण सवाल पूछे हैं।
1. मोदी जी के बयान के अनुसार उनकी सरकार पिछले साल ही वैक्सीनेशन के पूरे प्लान के साथ तैयार थी, तब जनवरी 2021 में मात्र 1 करोड़ 60 लाख वैक्सीनों का आर्डर क्यों दिया गया?
2. मोदी जी की सरकार ने भारत के लोगों को कम वैक्सीन लगाकर, ज्यादा वैक्सीन विदेश क्यों भेज दी?
3 दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन उत्पादक भारत, आज दूसरे देशों से वैक्सीन माँगने की स्थिति में क्यों आ गया और वहीँ ये निर्लज्ज सरकर इसे भी उपलब्धि की तरह प्रस्तुत करने की कोशिश क्यों कर रही है?
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि मोदी सरकार की ’वैक्सीन नीति की दिशाहीनता के चलते आज देश की 130 करोड़ आबादी की मात्र 11 प्रतिशत जनसंख्या को वैक्सीन की फुल डोज और 3 प्रतिशत जनसंख्या को वैक्सीन की दोनों डोज लग पाईं हैं।’ उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा टीका उत्सव घोषित करने के बाद एक महीने में वैक्सीनेशन में 83 प्रतिशत की गिरावट आई।
कांग्रेस महासचिव ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि ’आज संकट के समय पर बस वैक्सीन सर्टिफिकेट पर मोदी जी की फोटो है, बाकी सारी जिम्मेदारी राज्यों पर डाल दी गई है।’
उन्होंने कहा कि आज राज्यों के मुख्यमंत्री वैक्सीन की कमी की सूचना केंद्र सरकार को भेज रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार की फेल वैक्सीन नीति के चलते सब कुछ चौपट है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने तथ्यों को रखते हुए केंद्र सरकार से सवाल दागे हैं और पूछा है कि इसका जिम्मेदार कौन है। उन्होंने कहा कि सरकार की फेल वैक्सीन नीति की बानगी इन तथ्यों में दिखती हैः
1. विश्व के बड़े- बड़े देश पिछले साल ही अपनी जनसंख्या से कई गुना वैक्सीन ऑर्डर कर चुके थे, लेकिन मोदी सरकार ने अपना 130 करोड़ की आबादी के लिए मात्र 1 करोड़ 60 लाख वैक्सीनो का पहला ऑर्डर जनवरी 2021 में दिया।
2 इस साल जनवरी-मार्च के बीच में मोदी सरकार ने 6.5 करोड़ वैक्सीन विदेश भेज दी। कई देशों को मुफ़्त में भेंट भी की। जबकि इस दौरान भारत में मात्र 3.5 करोड़ लोगों को ही वैक्सीन लगी।
3 सरकार ने 1 मई से 18-44 आयुवर्ग की लगभग 60 करोड़ जनसँख्या को वैक्सीन देने के दरवाजे खोले लेकिन मात्र 28 करोड़ वैक्सीन के आर्डर दिए जिससे केवल 14 करोड़ जनसँख्या को वैक्सीन लगाना संभव है।
कांग्रेस महासचिव ने इस बात पर जोर दिया कि आज जब बार – बार विशेषज्ञों ने वैक्सीन के महत्व को रेखांकित किया है, ऐसे समय में सबसे बड़े वैक्सीन निर्माता देश में वैक्सीन संकट खड़ा करने के लिए केंद्र सरकार ही जिम्मेदार है। आज राज्यों को ग्लोबल टेंडर निकाल कर वैक्सीन मांगनी पड़ रही है और कंपनियों की तरफ से उन्हें निराशा हाथ लगी है, लेकिन केंद्र सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है।